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नवनीत को कैसे माने एससी प्रतिनिधि!

आंबेडकर पुतला सौंदर्यीकरण समिति

* पत्र परिषद लेकर जताया आक्षेप
अमरावती/दि.31- आंबेडकर पुतला सौंदर्यीकरण समिति ने निगमायुक्त और जिलाधीश को निवेदन देकर इर्विन चौक के आंबेडकर प्रतिमा परिसर के सौंदर्यीकरण हेतु सांसद निधि से नवनीत राणा व्दारा 50 लाख रुपए ेके फंड को इस्तेमाल नहीं करने का अनुरोध करने के बाद आज मराठी पत्रकार भवन में पत्र परिषद लेकर उनके अनुसूचित जाति का प्रतिनिधि होने पर सवाल उठाया. समिति की तरफ से कहा गया कि उच्च न्यायालय ने सांसद राणा का जाति प्रमाण पत्र खारिज कर दिया है. ऐसे में उन्हें एससी समाज का प्रतिनिधि कोर्ट के निर्णय आने तक नहीं मान सकते. पत्रकार परिषद में डॉ. पी.एम. खडसे, प्राचार्य गोपिचंद मेश्राम, किशोर बोरकर, एड. दिलीप एडतकर, डॉ. गणेश पाटील, शीतल गजभिये, डॉ. प्रदीप दंदे, विजय वानखडे, भूषण बनसोड, प्रा. सिओल, सुनील रामटेके, मराठा महासंघ अध्यक्ष भैयासाहब निचल, रवींद्र क्षीरसागर, राजेश चव्हाण, हरीदास सिरसाठ, गोपाल हिवराले, जगदीश गोवरधन, प्रा. ओमप्रकाश झोड, एड. एम.के. रोकडे, रमेश रामटेके, एड. एम.एन. चोखांद्रे, राजेश वानखडे, विक्रम तसरे, नितिन काले, प्रवीण मोहोड, दीपक मेटांगे, प्रा. विनायक दुधे, मनीष भोगले, नरेश आठवले, प्रदीप आठवले, मनोज धुलेकर, प्रा. अनिल देशमुख, हरीश मेश्राम, डॉ. बी.आर. देशमुख आदि उपस्थित थे.
* 3.39 करोड जमा
समिति ने कहा कि, परिसर के विकास हेतु मनपा के नगरसेवक और शासन ने 33,99,8660 रुपए उपलब्ध करवाए गए है. यह फंड उपविभागीय अधिकारी जमा है. इसलिए सांसद नवनीत राणा की 50 लाख की निधि की आवश्यकता नहीं है. परिसर का विकास उच्च न्यायालय में मामला प्रलंबित होने से नहीं हो सका.
* यह लगाया आरोप
प्रेस वार्ता में कहा गया कि, नवनीत राणा ने अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव अनुसूचित जाति की प्रतिनिधि के रुप में लडा और जीता. किंतु बंबई उच्च न्यायालय ने राणा का जाति प्रमाणपत्र रद्द कर दिया. जिस पर राणा ने सर्वोच्च न्यायालय से स्थगनादेश प्राप्त किया. जिससे अभी यह स्पष्ट नहीं है कि, नवनीत राणा अनुसूचित जाति की है अथवा नहीं. इसलिए उनकी सांसद निधि बाबासाहब की प्रतिमा के परिसर हेतु उपयोग में नहीं लाने का निर्णय समिति ने किया है. समिति का कहना है कि राणा के फंड का उपयोग करना डॉ. आंबेडकर की नीतिमत्ता के खिलाफ है.

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