जरुरत पडने पर कैसे प्राप्त करें रक्त
अमरावती/दि.18- कई बार गंभीर स्थिति में रहनेवाले मरीजों के इलाज अथवा शल्यक्रिया के समय रक्त की जरुरत पडती है. जिसके लिए मरीज के परिजनों को रक्त का इंतजाम करने हेतु दौडभाग करने के साथ ही रक्त प्राप्त करने के लिए अपने परिचितों को फोन कॉल करनी पडती है. सौभाग्य से रक्तदाताओं की नगरी कही जाती अमरावती में कभी भी रक्त मिलने को लेकर कोई किल्लत नहीं रहती. परंतु आम नागरिकों को रक्तदाताओं के नाम व नंबर तथा ब्लड बैंकों के पते के बारे में जानकारी ही नहीं रहती. जबकि अमरावती जिले में 1 सरकारी व 4 निजी ऐसे कुल 5 ब्लडबैंक तथा 7 सरकारी व 3 निजी ऐसे 10 ब्लड स्टोरेज सेंटर कार्यरत है. इसके अलावा जिला रक्तदान समिति सहित अन्य कई सामाजिक संगठनों व्दारा रक्तदाता भी उपलब्ध कराए जाते हैं. ताकि आपात स्थिति में रहने वाले मरीजों को जरुरत के समय रक्त उपलब्ध कराया जा सके.
* जिले में पांच ब्लड बैंक
बता दें कि जिला सामान्य अस्पताल की सरकारी ब्लड बैंक के साथ ही जिले में डॉ. पंजाबराव देशमुख अस्पताल व रुग्णालय की ब्लड बैंक, बालाजी ब्लड बैंक, स्व. सदानंदजी बरमा स्मृति ब्लड बैंक तथा संत गाडगेबाबा ब्लड बैंक कार्यरत है.
* 10 ब्लड स्टोरेज सेंटर
जिले में कुल 10 ब्लड स्टोरेज सेंटर है. जिसमें 7 सरकारी व 3 निजी स्टोरेज सेंटरों का समावेश है. इसके तहत अमरावती, धारणी, वरुड, चिखलदरा, मोर्शी व दर्यापुर में 1-1 सरकारी ब्लड स्टोरेज सेंटर कार्यरत है. वहीं अमरावती में एक निजी ब्लड स्टोरेज सेंटर है.
* सालभर की जाती है जांच
अन्न व औषधी प्रशासन व्दारा पूरे सालभर सभी ब्लड बैंकों व ब्लड स्टोरेज सेंटरों में नियमित जांच पडताल की जाती है. जिसके तहत सभी दस्तावेजों व तकनीकी बातों की जांच पडताल करने के साथ-साथ रक्त संकलन व संग्रहण के काम पर भी नजर रखी जाती है और इसमें कोई भी गडबडी पाए जाने पर संबंधित ब्लड बैंक अथवा सेंटर के लाइसेंस को निलंबित करने की कार्रवाई की जाती है. गत वर्ष परतवाडा स्थित एक सेंटर के लाइसेंस को पांच दिन के लिए निलंबित किया गया था, ऐसी जानकारी एफडीए व्दारा दी गई है.
जिले में एक सरकारी व चार निजी ब्लड बैंक है. साथ ही 7 सरकारी व 3 निजी ब्लड स्टोरेज सेंटर है. जिनकी अन्न व औषधी प्रशासन व्दारा नियमित जांच की जाती है. गत वर्ष ऐसी ही जांच के दौरान त्रुटि व गडबडी पाए जाने के चलते परतवाडा की बरमा ब्लड बैंक का लाइसेंस पांच दिनों के लिए निलंबित किया गया था.
– उमेश घारोटे,
सहायक आयुक्त, अन्न व औषधी प्रशासन