अमरावती

200 रूपये में कैसे जलेगी ‘उज्वला’ गैस

अमरावती/दि.3- गरीबी रेखा से नीचे रहनेवाली महिलाओं को प्रधानमंत्री उज्वला योजना अंतर्गत गैस का कनेक्शन तो नि:शुल्क दिया गया, लेकिन दूसरी ओर घरेलू गैस सिलेंडरों के लगातार बढते दामों की वजह से इस योजना का लाभ प्राप्त करनेवाली महिलाओं ने एक बार फिर गैस की बजाय परांपरागत चूल्हा जलाने को प्राधान्य देना शुरू कर दिया. जिसके चलते इस योजना का मूल उद्देश्य धरा का धरा रह गया. यह बात ध्यान में आते ही उज्वला योजनावाले गैस कनेक्शन हेतु सालभर तो कुल 12 सिलेंडर के लिए 200 रूपये की सब्सिडी घोषित की गई है, लेकिन इस समय घरेलू गैस सिलेंडरों के दाम इतने अधिक है कि, महज 200 रूपये की छूट भी कोई खास असर दिखाती नजर नहीं आ रही.

* 1,59,757 परिवारोें को होगा लाभ
अमरावती जिले में उज्वला योजना अंतर्गत 1 लाख 59 हजार 757 लाभार्थी गैस सिलेंडरधारक है, जिन्हेें इस योजना का लाभ मिल सकता है. परंतू इसमें से आधे से अधिक परिवारों ने बढते दामों की वजह से गैस सिलेंडर का प्रयोग करना कम कर दिया है. ऐसे में अब कितने लाभार्थियों द्वारा अनुदान का लाभ लिया जाता है, इसे लेकर काफी हद तक संदेह जताया जा रहा है.

* लाभार्थियों ने छोडा गैस का प्रयोग
जिले में उज्वला योजना के तहत यद्यपि गैस कनेक्शन धारकों की संख्या काफी अधिक है, लेकिन आगे चलकर आधे से अधिक लाभार्थियों ने इस योजना को पीठ दिखा दी है. जिसका सीधा मतलब है कि, इस योजना में शामिल लाभार्थियों के लिए उंची दरोें पर गैस सिलेंडर खरीदना संभव नहीं है. ऐसे में मात्र 200 रूपये का अत्यल्प अनुदान भी उन्हें दुबारा इस योजना से जोड पायेगा, इसे लेकर काफी हद तक संदेह देखा जा रहा है.

* फिर जलने लगे धुएंवाले चूल्हे
रसोई हेतु प्रयुक्त होनेवाले घरेलू गैस सिलेंडरों के दामों में लगातार वृध्दि होने के चलते उज्वला योजना में शामिल महिलाओं के घरों में एक बार फिर चूल्हे जलने लगे है. जिले में आधे से अधिक उज्वलाधारक महिलाओं ने गैस सिलेंडरों का प्रयोग बंद करते हुए एक बार फिर लकडी से जलनेवाले चूल्हे का प्रयोग करना शुरू कर दिया है. जिसकी वजह से उज्वला योजना के मूल उद्देश भी धरे के धरे रह गये है.

* 200 रूपये घटे, बाकी के 800 कहां से लाये?
उल्लेखनीय है कि, इस समय घरेलू गैस सिलेंडर के दाम 1 हजार रूपये के आसपास जा पहुंचे है. ऐसे में आम गृहिणियों के लिए अब घरेलू गैस सिलेंडर खरीदना काफी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में कमजोर आर्थिक स्थिति से वास्ता रखनेवाली महिलाओं ने सिलेंडर की बजाय पहले की तरह खाना पकाने के लिए चूल्हे जलाने शुरू कर दिये है. यद्यपि सरकार द्वारा प्रति सिलेंडर 200 रूपये का अनुदान दिया जा रहा है, लेकिन इन महिलाओं के सामने सबसे बडी समस्या यह है कि, बाकी के 800 रूपये की व्यवस्था सिलेंडर के लिए कहां से की जाये.

 

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