अमरावती

स्तन के कैंसर की गांठ को कैसे पहचानें?

अमरावती/दि.21 – इन दिनों महिलाओं में स्तन के कैंसर यानि ब्रेस्ट कैंसर का प्रमाण लगातार बढ रहा है. कुछ गलत आदतों के साथ ही बीमारी के लक्षणों की ओर समय पर ध्यान नहीं दिए जाने के चलते स्तन के कैंसर का प्रमाण बढ रहा है. साथ ही यह बीमारी एक पीढी से दूसरी पीढी में भी जाती है. ऐसे में इस बीमारी को अनुआंशिक भी कहा जा सकता है. ऐसे में इसे रोकने हेतु समय रहते विशेष ध्यान दिए जाने की जरुरत है. इसके लिए ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों को जानने के साथ ही इसका त्वरित परिक्षण व इलाज करना भी बेहद जरुरी है.
* स्तन कैंसर के लक्षण
स्तन कैंसर यानि एक अथवा दोनो स्तनों में घातक कैंसर की पेशियों की वृद्धि होना है. इसके तहत स्तन में गांठ तैयार होने के साथ ही स्तन की त्वचा पर गड्ढे बनने, स्तन की त्वचा के रंग व आकार में बदलाव होने तथा स्तन से रक्त अथवा रंगहीन तरल पदार्थ का स्त्राव होने जैसे लक्षण दिखाई देते है.
* क्या सतर्कता बरतें?
– बे्रस्ट कैंसर को रोकने हेतु महिलाओं के लिए पूरक आहार लेना जरुरी होता है.
– अपने स्तन पर किसी तरह की कोई गांठ तो नहीं है, इसकी जांच घर पर ही अपने हाथो से की जा सकती है.
– यदि स्तन पर किसी भी तरह की गांठ महसूस होती है, तो बिना समय गवाए तुरंत किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाकर आवश्यक जांच करवानी चाहिए.
* कब करवाएं जांच
बे्रस्ट कैंसर का प्रमाण 40 वर्ष आयु गुट वाली महिलाओं में बडे पैमाने पर पाया जाता है. अत: 30 वर्ष की आयु पार कर चुकी महिलाओं ने प्रत्येक 6 माह में कम से कम एक बार अपनी जांच करवानी चाहिए.
* सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क इलाज उपलब्ध
स्तन कैंसर के बढते प्रमाण को ध्यान में रखते हुए इसे कम करने हेतु सरकार द्बारा कई उपाय योजनाओं पर अमल किया जा रहा है. जिसके तहत विश्व महिला दिन के औचित्य को साधते हुए स्तन कैंसर के सभी उपचार सरकारी अस्पतालों में पूरी तरह से निशुल्क तौर पर उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्बारा लिया गया है.
सरकार द्बारा स्तन कैंसर से संबंधित सभी उपचार सरकारी अस्पताल में पूरी तरह से नि:शुल्क उपलब्ध कराए गए है. इसके चलते 30 वर्ष से अधिक आयु वाली महिलाओं ने अपने स्वास्थ्य की दृष्टि से प्रत्येक 6 माह में एक बार स्त्री रोग विशेषज्ञ से अपनी जांच करवानी चाहिए. ताकि स्तन के कैंसर को पहले चरण में ही नष्ट किया जा सके.
– डॉ. अरुण सालुंके,
अतिरिक्त जिला शल्यचिकित्सक,
जिला स्त्री अस्पताल, अमरावती.

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