अमरावती

बालकों में शुगर कैसे पहचानोंगे?

अमरावती/दि.13– बदलती जीवनशैली के कारण स्वास्थ्य समस्या में शुगर प्रमुख बीमारी है. बालकों में भी मधुमेह बीमारी पाई जा रही है. छोटे बच्चे जब खेलने लगते है तब उनका वजन कम होना सामान्य बात रहती है. लेकिन बच्चों का वजन ज्यादा कम होता हो तो ऐसे समय शुगर के लक्षण हो सकते है. बच्चे बार-बार पेशाब करने लगते है. इस कारण समय पर डॉक्टरों की सलाह आवश्यक है.

* टाइप वन शुगर यानि क्या?
टाइप वन शुगर यह एक स्वयं प्रतिकार रोग है. इसमें अपने शरीर के जीवाणु इत्यादि से संरक्षण करने वाली रोग प्रतिकारक शक्ति अपने शरीर के विरोध में काम करने लगती है. इसमें शक्कर का प्रमाण काफी अधिक रहने से लक्षण भी तीव्र रहते हैं.

* गर्भावस्था का मधुमेह क्या?
गर्भावस्था में रक्त की शुगर अधिक रही तो, उसे गर्भावस्था की शुगर कहा जाता है. इसका निदान करने के लिए गर्भावस्था के 24 से 28 सप्ताह की कालावधि में रक्त की शुगर का प्रमाण देखा जाता है.

* सेकंडरी मधुमेह क्या?
स्वादुपिंड में इंशुलिन यह संप्रेरक तैयार होता है. जो शुगर पर नियंत्रण रहता है. सेकंडरी मधुमेह में इंसुलिन आवश्य मात्रा में तैयार नहीं होता.

* छोटे बच्चों में बढा शुगर
मैदान खेल न खेलना, व्यायाम की तरफ अनदेखी, फास्टफुड का बढता प्रमाण, छोटे बच्चों में भी शुगर की समस्या निर्माण करता है.

* बच्चों की शुगर कैसे पहचाने?
छोटे बच्चों में मधुमेह के लक्षण में प्याज ज्यादा लगना, भूख ज्यादा लगना, बार-बार पेशाब करना, वजन न बढना, प्रतिकार शक्ति कम होती है.

* क्या सावधानी लें?
आहार में बडी मात्रा में हरी सब्जी का समावेश करें, भोजन का समय निश्चित करे, नियमित व्यायाम तथा खून की शुगर की जांच करे.

* बच्चों को मैदानी खेल जरुरी
मधुमेह से दूर रहने के लिए बच्चों को मैदानी खेल खेलने दें. नियमित व्यायाम भी उतना ही महत्व का है. फास्ट फुड खाना टाले.
– डॉ. भूपेश भोंड,
बालरोगतज्ञ

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