टीबी वाली खांसी को कैसे पहचाने?
अमरावती/दि.23– खांसी यह एक बेहद सामान्य शारीरिक समस्या है. यह मानकर कई लोग इसकी ओर अनदेखी करते है और इसे गंभीरता से नहीं लेते. परंतु यहां पर यह भी ध्यान दिए जाने की जरुरत है कि, यदि खांसी की समस्या कई हफ्ते तक बनी रहती है, तो यह टीबी जैसी भयानक बीमारी का प्राथमिक लक्षण हो सकती है. ध्यान रखा जाना चाहिए कि, क्षयरोग यानि टीबी एक गंभीर किस्म वाला जीवाणूजन्य संक्रमण है. जिसकी वजह से फुफ्फूस पर काफी गंभीर परिणाम हो सकता है.
* टीबी वाली खांसी के लक्षण
दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी की समस्या बनी रहना, खांसी के जरिए खून निकलना, भूख कम होना, वजन कम होना, सांस लेते समय अथवा खांसते समय तकलीफ होना, यह टीबी वाली खांसी के लक्षण है.
* क्या है इलाज?
टीबी पर इलाज हेतु बेहद प्रभावी व गुणकारी दवाईयां उपलब्ध है. दो, तीन अथवा चार दवाईयों को एकत्रित तौर पर कम से कम 6 माह तक लेना होता है. हालांकि इन दवाईयों का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करना होता है. यह दवाईयां सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध होती है.
* टीबी को लेकर हैं कई गलतफहमियां
– टीबी संक्रमित मरीज को सबसे अलग रखे अथवा नहीं?
क्षयरोग यानि टीबी संक्रमित रहने वाले मरीज को कोविड संक्रमित मरीज की तरह सबसे अलग रखे जाने की जरुरत नहीं होती. परंतु घर के अन्य सदस्यों को टीबी का संक्रमण न हो, इस बात के मद्देनजर टीबी संक्रमण मरीज ने अपने मूंह व नाक पर मास्क का प्रयोग करना चाहिए. साथ ही इधर-उधर नहीं थुंकना चाहिए. इसके अलावा डॉक्टर की सलाह पर नियमित औषधोपचार करना चाहिए.
– क्या टीबी की बीमारी संसर्गजन्य होती है?
टीबी यानि क्षयरोग अपने आप में संसर्गजन्य बीमारी है. लगातार होने वाली खांसी के चलते मूंह के जरिए टीबी के जीवाणू का हवा से संसर्ग होकर क्षयरोग होने की संभावना रहती है. साथ ही सार्वजनिक स्थान पर थुंकने से भी टीबी के जंतू हवा में फैलते है, जो वातावरण में 5 से 7 दिन तक बने रहते है. इस दौरान इन जंतूओं का हवा के जरिए सांस के द्बारा फुफ्फूस में जाने की संभावना अधिक रहती है. इस जरिए टीबी का संक्रमण फैलने का खतरा होता है.
– सरकारी दवाई से ही बीमारी होती है ठीक
टीबी यानि क्षयरोग की दवाई देखरेख की तहत दी जाती है. इसे डायरेक्टली ऑब्जव्हर्ड ट्रीटमेंट शॉर्ट कोर्स यानि डॉट्स थेरेपी कहा जाता है. यह औषधोपचार 6 माह से लेकर 9 माह तक लेना होता है. सभी सरकारी अस्पतालों में यह दवाईयां नि:शुल्क मिलती है.
* वर्ष 2025 तक भारत को क्षयरोग मुक्त करने हेतु अभियान चलाया जा रहा है. जिसके लिए गांव स्तर पर क्षयरोग मुक्त गांव अभियान चलाए जाने की जरुरत है. इस हेतु स्वास्थ्य विभाग द्बारा क्षयरोग मुक्त ग्रामपंचायत अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत बेहद जरुरी है कि, प्रत्येक नागरिक ने खांसी की ओर बिल्कुल भी अनदेखी न करते हुए अपनी योग्य स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए.
– डॉ. विशाल धांडे,
स्वास्थ्य अधिकारी