अमरावती

कील-मुहांसों को कैसे कम करें?

अमरावती/दि.13– खाने-पीने की गलत आदते, ज्यादा ग्लायसेमिक इंडेक्स रहने वाले पदार्थ, जंक फुड, तले हुए पदार्थ, मैदे से बने हुए पदार्थ व दुग्धजन्य पदार्थ का अतिसेवन करने के चलते त्वचा की नैसर्गिकता प्रभावित होती है और गालों पर डिंपल की बजाय पिंपल आने के चलते युवा भी त्रस्त हो जाते है. इसके साथ ही बदलते मौसम की वजह से भी त्वचा पर कई समस्याएं उत्पन्न होती है और ठंडे मौसम में त्वचा पर दाग पडते है.

* क्यों आते है पिंपल्स?
– प्रदूषण, खाने-पीने की गलत आदते, हार्मोन्स के असंतुलन और तनाव की वजह से पिंपल्स होना बेहद सामान्य बात है.

* कौनसा आहार लें?
तेलयुक्त पदार्थों का सेवन टालना चाहिए. साथ ही रात में ज्यादा देर तक जागरन नहीं करना चाहिए. भरपूर प्रमाण में पानी का सेवन करने के साथ ही पोषक आहर लेना चाहिए. त्वचा के नैसर्गिक सौंदर्य के लिए योग्य व पौष्टिक आहार बेहद जरुरी होता है. अत: चेहरे की सुंदरता को बनाए रखने के लिए अपनी आहार संबंधी आदतों की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए.

* सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग करते समय बरते सावधानी
सौंदर्य प्रसाधन हमेशा गुणवत्तापूर्ण और नामांकित कंपनी के ही होने चाहिए. साथ ही सौंदर्य प्रसाधन का प्रयोग करते समय उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए. सौंदर्य प्रसाधन का प्रयोग करते समय ‘सीटीएमपी’ के नियम का पालन करना चाहिए. साथ ही सौंदर्य प्रसाधन से किसी तरह की कोई तकलीफ होने पर तुरंत ही किसी विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए.

* यह सतर्कता भी जरुरी
किसी भी सौंदर्य प्रसाधन का चेहरे पर प्रयोग करते समय विशेष ध्यान देना बेहद जरुरी होता है. क्योंकि इससे किसी भी तरह का कोई अपाय होने पर चेहरा खराब हो सकता है. ऐसे में सस्ते के पीछे भागने की बजाय हमेशा अच्छी कंपनी के सौंदर्य प्रसाधन का प्रयोग करना चाहिए. याद रखे कि, हल्के स्तर वाले सौंदर्य प्रसाधन चेहरे को अस्थायी तौर पर चमक दमक तो दे सकते है. लेकिन इसके दीर्घकालीन दुष्परिणाम भी होते है. जिसके चलते सौंदर्य प्रसाधनों का चयन बेहद सावधानी व सतर्कता के साथ करना चाहिए.

Related Articles

Back to top button