* जिला बाल संरक्षण कक्ष की भी होती है मदद
अमरावती/दि.18– प्रामणिक तौर पर बच्चा गोद लेने के इच्छुक अभिभावकों को इससे पहले कई दिक्कतों और समय की देरी का सामना करना पडता था. साथ ही कई बार न्यायालयीन प्रक्रिया से भी होकर गुजरना पडता था. परंतु अब दत्तक प्रक्रिया को पूर्ण करने के पूरे अधिकार जिलाधीश को दे दिए गये. जिसके चलते यह प्रक्रिया पूरी तरह से सुलभ हो गई है. इसे लेकर केन्द्रीय महिला व बाल विकास आयुक्तालय द्बारा निर्देश जारी किए गये थे. जिसके बाद इस प्रक्रिया को आसान किया गया.
* कहां करे ऑनलाइन पंजीयन
बच्चा गोद लेने के इच्छुक अभिभावको को डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट सीएआरए डॉट डब्ल्यूसीडी डॉट जीओवी डॉट इन नामक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पंजीयन करना होता है.
* कौन से दस्तावेज आवश्यक
जिस व्यक्ति को बच्चा गोद लेना है. उसके छायाचित्र, पैनकॉर्ड, जन्म प्रमाणपत्र, जन्म तारीख का प्रमाणपत्र व रहिवासी दाखिला आदि दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है.
* माता- पिता को यह पात्रताएं करनी होती है पूर्ण
बच्चा गोद लेने के इच्छुक अभिभावकों को किसी भी तरह की कोई गंभीर बीमारी नहीं है, इससे संबंधित डॉक्टर अथवा पात्र अधिकारी का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होता है. साथ ही दोनों के स्वतंत्र प्रमाणपत्र जमा करने होते है. इसके साथ ही विवाह प्रमाणपत्र, तलाक शुदा रहने पर संबंधित प्रमाणपत्र और दोनों के स्वतंत्र जवाब भी आवश्यक होते है. साथ ही यदि बच्चा गोद लेने के इच्छुक व्यक्ति को पहले से खुद के अपने बच्चे है और यदि उन बच्चों की आयु 5 वर्ष से अधिक है तो उन बच्चों की भी सहमति आवश्यक होती है.
*एक माह में प्रक्रिया होती है पूर्ण
इससे पहले वाली प्रक्रिया में अदालत से आदेश आने तक 6 माह से अधिक समय दत्तक विधान पूर्ण करने में लग जाया करता था. जिसकी वजह से नियमों से बचने हेतु कई तरह के गलत प्रकार होने लगे थे.
परंतु अब जिलाधीश दत्तक आदेश बहाल करने का अधिकार रहने के चलते यह प्रक्रिया एक माह में ही पूर्ण हो जाती है. जिसके चलते बच्चा गोद लेने के इच्छुक लोगों के लिए अब यह प्रक्रिया बेहद सहज और सुलभ हो गई है.