मंत्रालय से गाडगेबाबा की दशसूत्री कैसे हटाई
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दिलीप एडतकर ने पूछा सरकार से सवाल
अमरावती/दि.28- राज्य की पूर्ववर्ती उध्दव ठाकरे सरकार ने संत श्रेष्ठ गाडगेबाबा की दशसूत्री को मुंबई स्थित मंत्रालय के प्रवेश द्वार पर अंकित करवाया था और इस संगमरमरी फलक का समारोहपूर्वक अनावरण भी किया गया था. परंतु अभी हाल ही में शिंदे सरकार ने संत गाडगेबाबा की दशसूत्रीवाले फलक को मंत्रालय के प्रवेश द्वार से हटा दिया. यह सीधे तौर पर संत श्रेष्ठ गाडगेबाबा के विचारों का घोर अपमान है और हम इस कृत्य का कडा निषेध करते है. इस आशय का प्रतिपादन करते हुए कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता एड. दिलीप एडतकर ने संत गाडगेबाबा की दशसूत्रीवाले संगमरमरीवाले फलक को अविलंब मंत्रालय के प्रवेश द्वार पर लगाने की मांग की है.
इस संदर्भ में यहां जारी प्रेस विज्ञप्ती में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता दिलीप एडतकर ने कहा कि, संत गाडगेबाबा की दशसूत्री में भूखे-नंगे लोगों को भोजन व कपडे देने का परोपकारी संदेश दिया गया था. शायद भूखे लोगोें को खोके और नंगे लोगोें को राजवस्त्र मिल गये. ऐसे में दशसूत्री के उद्देश्य को खत्म समझकर मौजूदा सरकार ने मंत्रालय के प्रवेश द्वार से दशसूत्री को हटा दिया है.
इस विज्ञप्ती में कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दिलीप एडतकर ने यह भी कहा कि, संत गाडगेबाबा की कर्मभूमि अमरावती रही और इस समय राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही अमरावती के जिला पालकमंत्री है. ऐसे में उन्होंने अपनी सरकार द्वारा किये गये कृत्य को सुधारते हुए संत गाडगेबाबा की दशसूत्री को बिना विलंब पहलेवाले स्थान पर लगाना चाहिए. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दिलीप एडतकर के मुताबिक राज्य की शिंदे सरकार दशसूत्री की बजाय दहशतसूत्री को लादने का प्रयास कर रही है. जिसे कदापी स्वीकार नहीं किया जायेगा.