‘मैंड्रेक्स’ कांड का आरोपी कैसे था बियाणी की बॉडी में?
प्रशांत राठी काट चुका है 12 साल की जेल
* 3 साल से अधिक की जेल की सजायाफ्ता नहीं लड सकता संस्था का चुनाव
* तत्कालीन अध्यक्ष ने कैसे की थी नियमों की अनदेखी, क्यों सौंपी थी महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी
* कल होने वाली सभा का एकमात्र एजेंडा प्रशांत राठी को हटाना, बॉडी ने वर्तमान अध्यक्ष को रखा अंधेरे में
अमरावती/दि.21– लाखों रुपयों की रकम लेकर बियाणी शिक्षा संस्था में नियुक्ति व नौकरी देने का मामला इस समय अच्छा खासा चर्चा में चल रहा है तथा दैनिक अमरावती मंडल द्वारा इस मामले से जुडे तथ्यों को प्रमुखता के साथ प्रकाशित करते हुए उजागर किया जा रहा है. विगत दिनों एक व्यक्ति को बंधक बनाकर कई घंटों तक की गई मारपीट के संदर्भ में दर्ज शिकायत के चलते यह विषय चर्चा में आया. जिसके जरिए पता चला कि, बियाणी शिक्षा संस्था की कार्यकारिणी में सदस्य रहने वाला प्रशांत ठाकुरदास राठी नामक शख्स द्वारा पैसों की एवज में नियुक्ति का यह खेल चला रहा था प्रशांत ठाकुरदास राठी का नाम पहली बार किसी विवाद मेें नहीं फंसा है, बल्कि वह करीब 28 साल पहले भी एक ऐसे मामले में चर्चित हुआ था, जिसे आज भी अमरावतीवासी भूले नहीं है. याद दिला दे कि, वर्ष 1996 में साई नगर के निकट बडनेरा रोड पर स्थित एक फार्म हाउस में विनित आर्गेनिक्स नामक कारखाना चला करता था. जहां पर मैंड्रेक्स नामक नशे की गोलियां बनाई जाती थी और उनकी यहां से पाकिस्तान व अन्य देशों में तस्करी की जाती थी. विनित आर्गेनिक्स नामक उस कारखाने का संचालक यहीं प्रशांत ठाकुरदास राठी नामक व्यक्ति हुआ करता था. जिसे आगे चलकर मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में 12 साल के कारावास की सजा हुई थी और वर्ष 1998-99 में प्रशांत राठी को 12 वर्षों के लिए जेल भेज दिया गया था. जहां से वह वर्ष 2010-11 मेें छूटकर बाहर आया. लेकिन 12 वर्ष की जेल काट चुका वहीं प्रशांत ठाकुरदास राठी आज विदर्भ क्षेत्र में लब्ध प्रतिष्ठित रहने वाली और शिक्षादान का पवित्र कार्य करने वाली बियाणी शिक्षा संस्था के संचालक मंडल में विगत कई वर्षों से कार्यरत है. साथ ही तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा उसे ज्वॉईंट सेके्रटरी व लोकल मैनेजमेंट कमिटी यानि एलएमसी के अध्यक्ष पद जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां भी दी गई. जिसे देखने और सुनने के बाद हर कोई हैरत ही व्यक्त कर सकता है.
उल्लेखनीय है कि, धर्मांदाय कानून के साथ-साथ खुद बियाणी शिक्षा संस्था के संविधान के मुताबिक अपराधिक मामला दर्ज रहने वाला कोई भी व्यक्ति तथा 3 वर्ष से अधिक की कैद का सजायाफ्ता रहने वाला कोई भी व्यक्ति संस्था के संचालक पद का चुनाव नहीं लड सकता. लेकिन नशिले पदार्थों के उत्पादन व तस्करी के मामले में नामजद रहने के साथ ही 12 साल की सजा काट चुका प्रशांत ठाकुरदास राठी वर्ष 2014 से लेकर अब तक बियाणी शिक्षा संस्था में संचालक पद का चुनाव लडने के साथ ही निर्वाचित भी हो रहा है. साथ ही उसे तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा ज्वॉईंट सेक्रेटरी के साथ-साथ लोकल बॉडी कमिटी का सदस्य भी बनाया गया था. यह वाकई हैरतअंगेज है. बता दें कि, लोकल बॉडी का सदस्य ही वह व्यक्ति होता है. जो संस्था में रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया को संस्था अध्यक्ष के साथ मिलकर अंतिम रुप से तय करता है और बियाणी शिक्षा संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष ने इतने महत्वपूर्ण पद पर आश्चर्यजनक तरीके से कभी मादक पदार्थों के उत्पादक व तस्कर रहे तथा 12 साल की जेल काट चुके प्रशांत ठाकुरदास राठी जैसे व्यक्ति की नियुक्ति की थी. जिसका सीधा मतलब है कि, तत्कालीन अध्यक्ष व उनकी टीम द्वारा प्रशांत राठी के जरिए नियुक्ति की आड में जमकर पैसा छापने का काम किया जा रहा था.
यहां सबसे उल्लेखनीय बात यह भी है कि, वर्ष 2014 में जब बियाणी शिक्षा संस्था का चुनाव हो रहा था और प्रशांत राठी ने संस्था में सदस्य पद हेतु अपनी दावेदारी पेश की थी. तब बियाणी शिक्षा संस्था से वास्ता रखने वाले मनिष करवा ने प्रशांत राठी के नामांकन व निर्वाचन पर आक्षेप उठाया था. परंतु तत्कालीन अध्यक्ष ने बडा हास्यास्पद तर्क देते हुए कहा था कि, प्रशांत राठी इस समय सजायाफ्ता मुजरीम नहीं है, बल्कि वह अपनी सजा काटकर बाहर आ चुका है. ऐसे में अब वह बेदाग व्यक्तित्व एवं पूरी तरह से निर्दोष है. अत: अब प्रशांत राठी को आम व्यक्ति माना जाना चाहिए और उसे संस्था में चुनाव लडने का पूरा अधिकार है. अपने इसी तर्क के बूते तत्कालीन अध्यक्ष ने प्रशांत राठी को अपनी टीम में शामिल करते हुए उसे ज्वॉईंट सेक्रेटरी भी बनाया था. साथ ही साथ लोकल मैनेजमेंट कमिटी का सदस्य भी नियुक्त किया था. जिसके साथ मिलकर संस्थाध्यक्ष द्वारा संस्था में रिक्त पदों पर नियुक्तियों को अंतिम रुप दिया जाता है. ऐसे में यह कहना बिल्कुल भी अतिशयोक्तिपूर्ण नहीं होगा कि, बियाणी शिक्षा संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष ने जानबूझकर प्रशांत ठाकुरदास राठी के पूर्व इतिहास की अनदेखी की थी और शायद इसके पीछे आर्थिक लाभ कमाना ही तत्कालीन अध्यक्ष का मुख्य उद्देश्य रहा हो.
* कल की सभा पर टिकी सभी की निगाहें
वहीं इस बीच बियाणी शिक्षा संस्था के संचालक मंडल की कल 22 फरवरी को सुबह 11 बजे आनन-फानन में एक आपात बैठक बुलाई गई है. जिसका एकमात्र एजेंडा प्रशांत ठाकुरदास राठी को संस्था के संचालक पद से हटाना तय किया गया है. ऐसी जानकारी बेहद विश्वसनीय सूत्रों द्वारा दैनिक अमरावती मंडल को दी गई है. साथ ही यह भी पता चला है कि, इस पूरे मामले को लेकर संस्था के मौजूदा अध्यक्ष को अंधेरे में रखा गया है. ऐसे मेें यह माना जा रहा है कि, जो बियाणी शिक्षा संस्था अब तक अपने फायदे के लिए प्रशांत ठाकुरदास राठी को अपने कंधे पर बिठाकर घूम रही थी. उसी बियाणी शिक्षा संस्था का संचालक मंडल और प्रशासन अब किसी न किसी तरह प्रशांत राठी से अपना पल्ला झाडना चाह रहा है. ऐसे में बियाणी शिक्षा संस्था से यह सवाल जरुर पूछा जा सकता है कि, प्रशांत राठी के साथ जुडा मैंड्रेक्स कांड का सच पहले से पता रहने के बावजूद भी उसे अब तक संस्था मेें क्यों बनाए रखा गया और अब अचानक ही प्रशांत राठी को संस्था से हटाने की जद्दोजहद क्यों की जा रही है. जबकि, इस समय तो प्रशांत राठी के खिलाफ केवल एक अपराधिक मामला ही दर्ज हुआ है और अभी उसकी गिरफ्तारी भी होना बाकी है. साथ ही इस मामले में मुकदमे की सुनवाई पूरी होने और उसे सजा मिलने में काफी वक्त भी लगेगा. सवाल यह भी पूछा जा सकता है कि, किसी समय मादक पदार्थों का उत्पादन व तस्करी करने वाले तथा 12 साल की जेल काट चुके प्रशांत राठी को लगातार अपनी टीम में बनाये रखने के पीछे तत्कालीन अध्यक्ष का कौन सा लालच व फायदा था?
* यह कोई पहला और अकेला मामला नहीं
विगत दिनों अमरावती पंचायत समिति के शिक्षा विभाग में कार्यरत पुंडलिक जाधव नामक व्यक्ति को महादेवखोरी परिसर स्थित घर में बंधक बनाकर की गई मारपीट को लेकर फ्रेजरपुरा थाने में दर्ज कराई गई शिकायत के चलते बियाणी शिक्षा संस्था में पैसों के दम पर चल रहे नियुक्ति के खेल का मामला सामने आया. लेकिन यह अपनी तरह का कोई अकेला और पहला मामला नहीं है. बल्कि अब तक बियाणी शिक्षा संस्था में लगभग सभी नियुक्तियां इसी तरह से हुई है. जिनमेें प्रशांत राठी के साथ-साथ बियाणी शिक्षा संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष की प्रमुख भूमिका रही. इससे जुडे सच अब धीरे-धीरे सामने आने लगे है. गत रोज दैनिक अमरावती मंडल ने बियाणी शिक्षा संस्था के शिकार व पीडित रहने वाले लोगों से बिना डरे व बेहिचक आगे आकर अपनी कहानी बताने का आवाहन किया था. साथ ही यह आश्वासन भी दिया था कि, अपनी दास्तां बयां करने वाले लोगों के नाम गुप्त रखे जाएंगे. इस पर भरोसा करते हुए कई लोगों ने दैनिक अमरावती मंडल के संपादकीय सहयोगी चंद्रप्रकाश दुबे से उनके मोबाइल क्रमांक 9545451991 पर कॉल एवं वॉट्सएप के जरिए संपर्क करते हुए बियाणी कॉलेज में चल रहे ‘झोलझाल’ के किस्से सुनाए. साथ ही वाट्सएप के जरिए कुछ सबूत भी भेजे. जिन्हें हम अपने अगले अंकों में सिलसिलेवार प्रकाशित भी करेंगे. तब तक यह देखना दिलचस्प होगा कि, कल 22 फरवरी को बियाणी शिक्षा संस्था के संचालक मंडल की आपात बैठक में प्रशांत ठाकुरदास राठी को लेकर संस्था द्वारा क्या निर्णय लिया जाता है.
* मौजूदा हालात पर चर्चा करने हेतु बुलाई गई है बैठक
– बियाणी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष ओम लढ्ढा का कथन
कल गुरुवार 22 फरवरी को सुबह 11 बजे बियाणी शिक्षा संस्था के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है. जिसकी विषय सूची के बारे में जानकारी लेने हेतु संपर्क किये जाने पर बियाणी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष ओमप्रकाश लढ्ढा ने कहा कि, फिलहाल बियाणी शिक्षा संस्था के संदर्भ में जो कुछ विषय चल रहा है, उससे संस्था की बडे पैमाने पर बदनामी हो रही है. जिसके चलते इसी संदर्भ में विचार विमर्श करने हेतु संस्था के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है. इस समय जब ओमप्रकाश लढ्ढा से यह जानने का प्रयास किया गया कि, क्या इस बैठक में प्रशांत राठी को संस्था से बाहर करने के संदर्भ में कोई निर्णय लिया जाएगा, तो उनका कहना रहा कि, संस्था पदाधिकारियों की बैठक में सर्वसहमति के साथ क्या निर्णय लिया जाता है. इस बारे में फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता.
* राठी का रिश्तेदार महल्ले से मिला, 15 के बदले 20 लाख देने का दिया ऑफर
– पुलिस कम्प्लेंट वापिस लेने बनाया दबाव, महल्ले ने दी पुलिस को जानकारी
वहीं इस बीच यह जानकारी सामने आयी है कि, प्रशांत राठी के एक रिश्तेदार ने महल्ले दम्पति से संपर्क करते हुए उन्हें उनके द्वारा दिये गये 15 लाख रुपए के बदले 20 लाख रुपए वापिस लौटाने का ऑफर दिया है. जिसके बदले महल्ले दम्पति से पुलिस कम्प्लेंट वापिस लेने हेतु कहा गया है. यह जानकारी खुद महल्ले दम्पति ने आज पुलिस को दी है.
बता दें कि, महल्ले दम्पति ने ही पुंडलिक जाधव एवं अतुल पुरी के जरिए प्रशांत राठी को बियाणी कॉलेज में नौकरी हेतु 15 लाख रुपए दिये थे और जब काफी समय बीत जाने के बावजूद महल्ले नामक महिला को कॉलेज में नौकरी नहीं मिली, तो महल्ले दम्पति ने इस बारे में पुंडलिक जाधव को फोन करते हुए पूछताछ करनी शुरु की और जाधव ने प्रशांत राठी व अतुल पुरी को बार-बार फोन लगाना शुरु किया था. जिसके बाद अतुल पुरी व प्रशांत राठी ने जाधव को विगत 13 फरवरी की दोपहर दस्तूर नगर के पास ही स्थित सोनू बार के पास बुलाया था और वहां से जाधव को अपनी कार में बिठाकर महादेवखोरी परिसर स्थित घर में ले जाया गया था. जहां पर जाधव को करीब 3 घंटे तक बंधक बनाते रखते हुए उनके साथ जबर्दस्त मारपीट की गई थी. पश्चात जाधव ने फे्रजरपुरा थाने पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराते हुए पुरा वाकया बताया था. ऐसे में इस मामले की जांच के केंद्र में पैसा देने वाले महल्ले दम्पति और पैसा लेने वाले प्रशांत राठी आ गये थे. जिसके चलते पुलिस ने महल्ले दम्पति का भी बयान दर्ज किया था. साथ ही प्रशांत राठी की सरगर्मी से तलाश की जा रही है. जो अपने खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद से ही फरार है तथा अग्रिम जमानत मिलने हेतु प्रयास कर रहा है. वहीं अब महल्ले दम्पति ने सामने आकर यह जानकारी दी है कि, प्रशांत राठी के एक रिश्तेदार ने उनसे संपर्क करते हुए उन्हें पुलिस कम्प्लेंट वापिस लेने हेतु उनके द्वारा दिये गये 15 लाख रुपए के बदले 20 लाख रुपए देने का ऑफर दिया है.