* ठेका कर्मचारियों को काम से हटा दिया
* धारणी क्षेत्र में निर्माण हुई बिकट समस्या
धारणी/ दि.10– अब कोरोना का टीका कैसे लगेगा? जो लोगों को पहला डोज मिल चुका है, मगर दूसरा डोज कहा लगाने जाएंगे? अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में कोरोना टीके का भंडारन है. मगर टीका लगाने वाले ही उपलब्ध नहीं. ठेके पर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को काम से हटा दिया गया है, ऐसी बिकट परिस्थिति धारणी कोरोना टीका सेंटरों में निर्माण हुई है. जो आदिवासी बहुल क्षेत्र के लिए बडी समस्या बन गई है.
बता दें कि, धारणी जैसे दुर्गम आदिवासी बहुल क्षेत्र में ठेका कर्मचारियों के माध्यम से कोरोना टीका लगाने का अभियान छेडा गया था. अब 15 वर्ष से उपर आयु के बच्चों को टीका लगाया जाना था. टीके के लिए बडे पैमाने में जनजागृति की गई. इस काम के लिए जनप्रतिनिधि व कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी मोहल्ले मोहल्ले में जाकर लोगों को कोरोना टीका लगाने के लिए प्रेरित किया. अब हर कोई टीका लगाने के लिए आगे आ रहा है. कुछ लोगों ने कोरोना टीके का पहला डोज ले रखा है, मगर दूसरा डोज लेना बकाया है. आज भी कई लोग कोरोना टीके के दोनों डोज से वंचित है, ऐसी स्थिति में नागरिकों को कोरोना टीका लगाना बहुत जरुरी है. परंतु इस काम के लिए ठेके पर कर्मचारी रखे गए थे. टीका लगाने का काम अभी पूरा भी नहीं हुआ है, फिर भी उन कर्मचारियों को काम से हटा दिया गया है. अस्पताल व कोरोना टीका सेंटर में कोरोना टीके का भंडारण है, परंतु अब टीका लगाने वाला कोई उपलब्ध नहीं है. अगर कोरोना का टीका लगाने से आदिवासी बहुल क्षेत्र के लोग वंचित रहते है तो पहले ही कुपोषण की मार झेल रहे इन लोगों पर फिर कोरोना कहर बरपायेगा. इस गंभीर समस्या को काफी गंभीरता से लेते हुए फिर से टीका लगाने वाले कर्मचारी उपलब्ध बराये जाए, ऐसी मांग धारणी, मेलघाटवासी कर रहे है.