मेलघाट कैसे होगा कुपोषण और बदहाली से मुक्त
डॉक्टरों की तैनाती मेलघाट में, डॉक्टर पीजी के लिए शहर में
* स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर ही नहीं रहने से कैसे होगा मरीजों का इलाज
* आदिवासी बहुल क्षेत्र में डॉक्टरों के 26 पद भी पडे हैं रिक्त
अमरावती/दि.16– विगत करीब ढाई दशक से स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और कुपोषण के लिए कुख्यात रहनेवाले मेलघाट में प्रतिवर्ष बारिश का मौसम शुरू होने से पहले स्वास्थ्य महकमे द्वारा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं के चाक-चौबंद रहने का दावा किया जाता है. जिसके तहत ऐसा ही दावा इस वर्ष भी बारिश का मौसम शुरू होने से पहले किया गया है, जो पूरी तरह से हवा-हवाई साबित हुआ है. क्योंकि यहां पर एक-दो नहीं, बल्कि अ व ब गट सहित स्वास्थ्य अधिकारियों व डॉक्टरों के करीब 26 पद रिक्त पडे है. वहीं कई डॉक्टर तो ऐसे भी है, जिनकी मेलघाट क्षेत्र में तैनाती व नियुक्ति केवल नाम के लिए है और वे सरकारी वेतन व भत्ते का लाभ लेते हुए मेडिकल की पदव्युत्तर पढाई करने हेतु अन्य शहरों में रहते है. ऐसे में पूरे मामले को बेहद सनसनीखेज व धक्कादायक कहा जा सकता है.
बता दें कि, खुद सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई बार बारिश के मौसम दौरान मेलघाट में रहनेवाले आदिवासी नागरिकों सहित गर्भवती व नवप्रसूता महिलाओं तथा नवजात बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश दिये गये है और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा भी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य महकमे से बार-बार निवेदन किया जाता है. किंतु इसके बावजूद भी मेलघाट में हालात सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे, क्योंकि स्वास्थ्य महकमा अपने पुराने ढर्रे को छोडकर तस्स से मस्स होने के लिए तैयार ही नहीं है.
उल्लेखनीय है कि, हाल ही में मेलघाट क्षेत्र के विधायक राजकुमार पटेल ने सीधे मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे व स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे सहित स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर मेलघाट क्षेत्र में बडे पैमाने पर डॉक्टरों के पद रिक्त रहने और इन पदों पर जल्द से जल्द वैद्यकीय व चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति किये जाने के संदर्भ में पत्र लिखा और इस पत्र ने एक तरह से स्वास्थ्य महकमे द्वारा मेलघाट को लेकर किये जाते बडे-बडे दावों की पोल खोलकर रख दी है.
* वेतन मेलघाट से, काम कहीं ओर
इस समय मेलघाट में स्वास्थ्य महकमे का पूरा जिम्मा मानसेवी स्वास्थ्य अधिकारियों पर है, जो बेहद अत्यल्प मानधन पर यहां सेवाएं दे रहे है. वहीं जिन डॉक्टरों की भारी-भरकम वेतन पर मेलघाट में नियुक्ति की गई है, उनमें से कई डॉक्टर अनधिकृत रूप से काम पर अनुपस्थित रहते है. जिसके तहत कुछ माह मेलघाट क्षेत्र में काम करो और अति दुर्गम क्षेत्र के वेतन व भत्ते लागू होते ही सरकारी नियमों का फायदा उठाते हुए उच्च वैद्यकीय शिक्षा हेतु शहरी क्षेत्र में चले जाओ, यह फंडा अपनाया जा रहा है. जिसके परिणाम स्वरूप मेलघाट में स्वास्थ्य केंद्रों की बजाय डॉक्टर केवल कागजों पर ही दिखाई देते है. ऐसे मेंं विधायक राजकुमार पटेल ने इस पूरी गडबडी को रोकने की मांग भी अपने द्वारा लिखे गये पत्र में उठाई है.
बारिश के मौसम दौरान स्वास्थ्य महकमे का पूरी तरह से चुस्त-दुरूस्त व सतर्क रहना जरूरी है. मेलघाट क्षेत्र में कुपोषण, माता मृत्यु व बाल मृत्यु को रोकने हेतु यहां पर वैद्यकीय अधिकारियों के रिक्त पदों पर डॉक्टरों की तुरंत नियुक्ति करने की मांग मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से की गई है. साथ ही किन-किन स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर नहीं है, उसकी बाकायदा पूरी सूची सरकार को भेज दी गई है.
– राजकुमार पटेल
विधायक, मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र