अमरावतीमहाराष्ट्र

बाघो की सेवा करनेवाले कर्मचारी कैसे करेंगे मतदान, प्रशासन के सामने चुनौती

मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में कार्यरत कर्मियों को मतपत्रिका पहुंचाने के प्रयास जारी

अमरावती /दि. 12– केंद्रिय चुनाव आयोग द्वारा अत्यावश्यक सेवा के कर्मचारियों को सेवा स्थल पर मतपत्रिका पहुंचाने का निर्णय लिया गया है. लेकिन मेलघाट जैसे पहाडी और बहुल क्षेत्र में बाघो की सेवा करनेवाले कर्मचारियों तक पोस्टल बैलेट पहुंचाने का काम चुनाव आयोग को पूर्ण करना पडेगा.
26 अप्रैल को होनेवाले लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि पर जिला चुनाव विभाग काम से लग गया है. चुनाव के प्रत्येक मुद्दे बाबत जांच की जा रही है. मतदान का प्रतिशत बढाने के लिए आवश्यक सभी प्रयास किए जा रहे है. इसी के एक भाग के रुप में मतदान के दिन घर से दूर ड्युटी पर तैनात रहनेवाले अधिकारी और कर्मचारियों को ड्युटी पर रहते मतदान करने की सुविधा मिलनेवाली है. चुनाव आयोग के मुताबिक मतदान का प्रतिशत बढाने के लिए जनसेवक महत्व का घटक है. मतदान के समय ड्युटी पर तैनात रहते उन्हें मतदान से वंचित रहना पडता है. लेकिन पहली बार ड्युटी स्थल पर तैनात रहनेवाले 32 विभाग के अत्यावश्यक सेवा के कर्मचारी व अधिकारियों को पोस्टल मतपत्रिका कार्यरत स्थल पर मिलनेवाली है. यह सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने गांव अथवा निर्वाचन क्षेत्र में न लौटते हुए कार्यरत स्थल पर ही अपने संसदीय क्षेत्र के पसंदीदा उम्मीदवार को मतदान करनेवाले है.

* मेलघाट में पोस्टल मतपत्रिका कैसे पहुंचेगी?
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के तहत कुल चार उपविभाग आते है. धारणी और चिखलदरा तहसील में वनविभाग में कार्यरत वनपरिक्षेत्र अधिकारी से लेकर वनपाल, वनरक्षक तक 500 के करीब वन कर्मचारी मतदान के दिन बाघो की सेवा में रहनेवाले है. क्योंकी वर्तमान में ग्रीष्मकाल शुरु रहने से जंगलो में आग लगती रहती है. इस कारण यह सभी कर्मचारी एक ही समय मतदान के दिन अपना कार्यक्षेत्र छोडकर बाहर नहीं आ सकते. इसमें सर्वाधिक अमरावती जिले के कर्मचारी है और कुछ अकोला, बुलढाणा, वाशिम, यवतमाल जिले के है. इन सभी कर्मचारियों को पोस्टल मतपत्रिका उपलब्ध कर देने की जिम्मेदारी चुनाव यंत्रणा की रही तो भी बहुल क्षेत्र में रहनेवाले वन कर्मचारियों तक मतपत्रिका कैसे और किस तरह पहुंचती है, यह देखना जरुरी है.

* वनविभाग का वायरलेस
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में वनविभाग की वायरलेस यंत्रणा पुलिस विभाग की वायरलेस यंत्रणा से अधिक गतिशील मानी जाती है. वर्तमान स्थिति में इस यंत्रणा के माध्यम से वन कर्मचारियों को घर का संदेश मिलता है. अनेक स्थानों पर सोलर पैनल के माध्यम से वायरलेस यंत्रणा सूचना का आदान-प्रदान करती दिखाई देती है. इस कारण चुनाव विभाग और पुलिस विभाग चुनावी काम के लिए वनविभाग की वायरलेस यंत्रणा का इस्तेमाल करनेवाली है.

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