रंग खेलते समय आंखे और त्वचा का किस तरह ध्यान रखोगें?
नैसर्गिक रंग का करें इस्तेमाल, आंखो में कोई चोट अथवा दर्द होने पर तत्काल करें उपचार
अमरावती /दि. 22– होली उत्सव हर वर्ष फागुन पुर्णिमा को मनाया जाता है. होली यह रंगो का खेल है. नागरिक एक-दूसरे को रंग लगाकर होली की शुभेच्छा देते है. लेकिन रंग खेलते समय आंखे और अपनी त्वचा का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है. रंग और उसके रासायनिक द्रव्य व उसमें उष्णता के कारण त्वचा पर परिणाम हो सकता है. साथ ही यह रंग आंखो में गया तो आंखो में जख्म होने तथा कायमस्वरुप अंधत्व आने की संभावना रहने से भी इंकार नहीं किया जा सकता. इस कारण होली खेलते समय नैसर्गिक रंग का ही इस्तेमाल करने की सलाह विशेषज्ञो द्वारा दी जाती है.
होली के दिन हर किसी को रंग खेलने की लालसा रहती है. लेकिन नैसर्गिक रंग का इस्तेमाल किया तो रंगो की होली खेलने का आनंद ही कुछ और रह सकता है. लेकिन बाजार में अनेक केमिकलयुक्त रंगो की भरमार हो गई है. होली के लिए सभी तरह के रंग बाजार में उपलब्ध रहते है. लेकिन केमिकलयुक्त रंगो से अपने त्वचा और शरीर का नुकसान होता है. रंग खेलते समय अथवा खेलने के बाद हम उस तरफ ज्यादा गंभीरता से नहीं देखते. लेकिन समय बितने पर वह गंभीर साबित हो सकते है. इस कारण रंग खेलते समय विशेष ध्यान रखना आवश्यक है. यदि रंग आंखो में गया तो आंखे न मसलते हुए स्वच्छ पानी से उसे साफ करें. उसके बाद भी आंखो में जलन होती होगी तो तत्काल समीप के अस्पताल पहुंचकर उचित उपचार करें.
* रंग खेलने के पूर्व सावधानी कौनसी बरती जाए?
– आंखे : रंग खेलने के लिए केमिकलयुक्त रंग का इस्तेमाल न करते हुए नैसर्गिक रंग का इस्तेमाल करें. साथ ही नैसर्गिक रंग भी आंखो में न जाने विशेष सावधानी रखनी चाहिए. रंग खेलते समय कॉन्टैक्ट लैंस का भी इस्तेमाल न करें.
– त्वचा : रंग खेलने के पूर्व त्वचा पर बादाम अथवा नारियल तेल लगाए. ताकि त्वचा की सुरक्षा हो. संभवत: सेंद्रिय और नैसर्गिक रंग का ही इस्तेमाल करें. साथ ही होली के पूर्व त्वचा पर वैक्सिंग, ब्लिचिंग फेशीयल करना भी टाले.
* रंग खेलने के बाद की बात का ध्यान रखोगें?
– आंखे : रंग खेलते समय यदि आंखो में रंग गया हो तो समय न गंवाते हुए तत्काल उसे पानी से स्वच्छ करें. इसके बाद भी यदि आंखो में जलन होती होगी तो समीप के अस्पताल में दिखाएं.
– त्वचा : त्वचा से रंग निकालने के लिए अनेक लोग गरम पानी का इस्तेमाल करते है. लेकिन उससे रंग और शरीर पर गहरा हो जाता है. इस कारण ठंडे पानी का इस्तेमाल करें.
* ऐसी हरकत न करें?
रंग खेलते समय केमिकलयुक्त रंगो का इस्तेमाल न करें. रंग आंखो में गया तो उसे मसलते हुए न बैठे. साथ ही त्वचा का रंग निकालने के लिए केरोसिन, ऑईल, पेट्रोल का भी इस्तेमाल न करें. साथ ही रंग खेलने के पूर्व रंग एक-दूसरे पर फेंककर न मारे.
* नैसर्गिक रंगो से खेले
रंग खेलने के लिए नैसर्गिक रंगो का इस्तेमाल करें. यह रंग भी आंखो में गया तो तत्काल पानी से स्वच्छ करें. इसके बाद भी आंखो में तकलिफ होती होगी तो समय बर्बाद न करते हुए तत्काल समीप के अस्पताल में जाकर उचित उपचार करें.
– डॉ. कृणाल वानखेडे, नेत्रतज्ञ.
* केमिकलयुक्त रंगो से त्वचा पर परिणाम
केमिकलयुक्त रंगो का त्वचा पर परिणाम होने का डर रहता है. इस कारण रंग खेलने के पूर्व तेल लगाए. ताकि रंग त्वचा पर चिपकेगा नहीं. साथ ही नैसर्गिक रंग का इस्तेमाल करना ही आवश्यक है.
– डॉ. ज्योत्सना देशमुख, त्वचा रोगतज्ञ.