कैंसर से बचाव के लिए लडकियों का ‘एचपीवी’ वैक्सीनेशन!
महिलाओं को बरतनी चाहिए सावधानी
* समय पर टीकाकरण से खतरे से बचा जा सकेगा
अमरावती/दि.21– देश में हर मिनट में आठ महिलाओं की सर्वाइकल यानी गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से मृत्यु हो रही है. यह गंभीर स्थिति है. इस कैंसर को बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है. इस बीमारी के बारे में महिलाओं में जागरूकता होना जरूरी है. यदि इस कैंसर का शीघ्र निदान कर लिया जाए, तभी इसे रोका जा सकता है. इसलिए केंद्रीय राज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में बजट पेश करते हुए एचपीवी टीकाकरण शुरू करने का फैसला किया है. महिलाओं में गर्भाशय के कैंसर का दिन ब दिन प्रमाण बढ रहा है. क्योंकि सर्वाइकल कोशिकाओं की वृद्धि कैंसर के लिए जिम्मेदार है. सर्वाइकल कैंसर अक्सर ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के कारण होता है. यह एक सामान्य वायरस है, जो यौन संपर्क से फैलता है.
* एचपीवी क्या है?
एचपीवी यानी ह्युमन पॅपिलोमा वायरस विषाणुओं का एक समूह है. इससे घातक कोशिकाओं की वृद्धि होकर कैंसर हो सकता है. इसलिए एचपीवी वैक्सीन के कारण सर्वाइकल कैंसर का प्रमाण कम कर सकते है.
* 9 से 14 आयुगट की लडकियों का वैक्सीनेशन
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 9 से 14 आयुगट की लडकियों का एचपीवी वैक्सीनेशन किया जाएगा, ऐसी घोषणा की गई है.
* कैंस को नजरअंदाज न करें
– असुरक्षित यौन संबंध से कैंसर होने की संभावना अधिक होती है.
– 35 साल की उम्र के बाद महिलाओं को हर तीन साल में कम से कम एक बार एलबीएस टेस्ट कराना चाहिए. कम से कम तीन बार ये टेस्ट कराना आवश्यक है.
एचपीवी वैक्सीनेशन जरूरी
एचपीवी वैक्सीनेशन से सर्वाइकल कैंसर की घटनाओं को रोकने में कुछ सफलता मिलेगी. महिलाओं को असुरक्षित यौन संबंध से भी दूर रहने की जरूरत है. 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को कम से कम तीन साल में एक बार एलबीसी टेस्ट कराना चाहिए, ताकि कैंसर से बचा जा सके या अगर इसका जल्दी पता चल जाए तो तुरंत इलाज शुरू करना सुविधाजनक होगा.
डॉ. मोनाली ढोले, स्त्रीरोग विशेषज्ञ