दीपावली के बाद ही होंगे विधानसभा चुनाव
अक्तूबर मेें लागू होगी चुनावी आचार संहिता
* नवंबर अंत तक अस्तित्व में आएगी नई विधानसभा
* बारिश में प्रचार की दिक्कत को लेकर चुनाव टला आगे
मुंबई/दि.13 – अब तक यह माना जा रहा था कि, अक्तूबर माह के तीसरे सप्ताह में राज्य विधानसभा हेतु चुनाव कराये जाएंगे. लेकिन अब यह पता चला है कि, दीपावली के बाद यानि नवंबर के दूसरे सप्ताह में विधानसभा के चुनाव कराये जा सकते है. नियमानुसार नये विधानसभा 26 नवंबर 2024 को अस्तित्व में आएगी. जिसके चलते ऐन बारिश के मौसम दौरान आचार संहिता व प्रचार की धामधूम को लेकर सवालिया निशान उपस्थित किये जा रहे है. जिसके चलते निर्वाचन आयोग द्वारा दीपावली के बाद ही विधानसभा के चुनाव करवाये जाने पर विचार किया जा सकता है. ऐसा सूत्रों के जरिए पता चला है.
बता दें कि, नई विधानसभा का पहला अधिवेशन जिस दिन होता है. उस दिन से अगले 5 वर्ष तक वह विधानसभा अस्तित्व में रहती है. वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में काफी नाटकीय राजनीतिक उथल-पुथल मची थी. जिसके बाद 27 नवंबर 2019 को नये विधायकों की शपथविधि हेतु एक दिन का अधिवेशन हुआ था. ऐसे में उस दिन से लेकर अगले 5 वर्ष यानि 26 नवंबर 2024 तक मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल है और इससे पहले विधानसभा के चुनाव कराते हुए मतगणना के नतीजे घोषित किये जा सकते है.
* 14 या 15 नवंबर को आ सकता है चुनावी नतीजा
आचार संहिता लागू होने के बाद करीब 45 दिनों के भीतर नये विधानसभा का अस्तित्व में आना अपेक्षित होता है. आगामी 26 नवंबर से 45 दिन पहले यानि 12 अक्तूबर को भी आचार संहिता लागू होती है, तोे भी निर्धारित अवधि के भीतर निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण कराई जा सकती है.
– 3 नवंबर को दीपावली का पर्व संपन्न हो जाएगा. जिसके बाद नवंबर माह के दूसरे सप्ताह में मतदान कराया जाएगा और 14 या 15 नवंबर को चुनावी नतीजे घोषित हो जाएंगे. पश्चात नये विधायकों की शपथ विधि के लिए विधानसभा का पहला अधिवेशन बुलाने हेतु 12 दिन का समय हाथ में रहेगा.
* तो महायुति को मिलेंगे और दो माह
नवंबर माह में विधानसभा का चुनाव कराये जाने का निवेदन सत्तापक्ष द्वारा निर्वाचन आयोग से किये जाने की पूरी संभावना है. यदि दीपावली के बाद चुनाव होते है, तो महायुति सरकार को और भी दो माह का वक्त मिलेगा. जिसमें कई निर्णय लेने के साथ ही कई महत्वाकांक्षी प्रकल्पों का भूमिपूजन व लोकार्पण किया जा सकेगा.
* आयोग में फिलहाल कोई हलचल नहीं
महायुति के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि, बारिश के मौसम दौरान जहां एक ओर ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता खेती किसानी के कामों में व्यस्त रहते है. वहीं दूसरी ओर चुनाव प्रचार में भी काफी दिक्कतें आती है. इसके साथ ही इस दौरान9 कई पर्व एवं त्यौहार भी पडते है.
– ऐसे में बारिश व पर्व एवं त्यौहारों के बीच चुनाव करवाने की बजाय दीपावली के बाद चुनाव करवाये जाने की भूमिका महायुति में देखी जा रही है. हालांकि इसमें अंतिम निर्णय निर्वाचन आयोग का ही रहेगा. परंतु फिलहाल निर्वाचन आयोग में इसे लेकर कोई भी हलचल नहीं है.
* 26 नवंबर ही अंतिम दिन क्यों?
वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव पश्चात चुनावी नतीजे आने के बाद किसी भी दल ने सत्ता स्थापना का दावा नहीं किया था. जिसके चलते राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था. जिसे 22 नवंबर की मध्यरात्रि को हटाया गया और 23 नवंबर को तडके देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री व अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. परंतु 80 घंटे के भीतर अजीत पवार अपने खेमे में वापिस चले गये और वह सरकार गिर गई. जिसके बाद 28 नवंबर 2019 को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास आघाडी की सरकार का गठन हुआ. हालांकि इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार 27 नवंबर को नये विधायकों की शपथविधि हेतु विधानसभा का एक दिवसीय अधिवेशन हुआ था. जिसके चलते कानूनन उसी तारीख से अगले 5 वर्ष यानि 26 नवंबर 2024 तक मौजूदा विधानसभा अस्तित्व में रहेगी.