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तीनों प्रमुख प्रत्याशियों के चुनावी खर्च में फिर आया भारी भरकम फर्क

नवनीत राणा ने दिखाया महज 17.30 लाख का चुनावी खर्च, शैडो ने दर्ज किया 1.26 करोड

* बलवंत वानखडे ने दिया 24 लाख ब्यौरा, शैडो ने पकडा 58.22 लाख का खर्च
* दिनेश बूब ने दर्शाया 28.47 लाख का खर्च, शैडो ने दिखाया 77.13 लाख
* तीनों प्रत्याशियों के नाम नोटिस हुई जारी, 48 घंटे के भीतर देना होगा स्पष्टीकरण
* मतगणना के बाद अगले 20 दिनो तक मिलेगा समय, अन्यथा होगी कार्रवाई
अमरावती/दि. 29- केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव लडनेवाले प्रत्याशियों के लिए अधिकतम खर्च की मर्यादा 95 लाख रुपए की गई है. साथ ही प्रत्येक प्रत्याशी द्वारा अपने चुनाव प्रचार पर कितना खर्च किया जा रहा है, इसका ब्यौरा खुद प्रत्याशियों से लेने के साथ ही प्रत्याशियों द्वारा किए जानेवाले खर्च पर नजर रखने के लिए निर्वाचन विभाग ने सभी प्रत्याशियों के साथ चुनाव खर्च निरीक्षक भी नियुक्त किए गए. जिन्हें शैडो ऑब्झर्वर कहा जाता है. इन निरीक्षको द्वारा अमरावती संसदीय क्षेत्र का चुनाव लडनेवाले तीन प्रमुख प्रत्याशियों की ओर से चुनाव प्रचार पर किए गए खर्च और प्रत्याशियों द्वारा निर्वाचन विभाग को चुनाव खर्च के दिए गए ब्यौरे में जमीन-आसमान का फर्क पाया गया है. जिसके चलते निर्वाचन विभाग द्वारा भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा, कांग्रेस प्रत्याशी बलवंत वानखडे व प्रहार प्रत्याशी दिनेश बूब के नाम नोटिस जारी करते हुए उन्हें अगले 48 घंटे के भीतर अपना स्पष्टीकरण देने हेतु कहा गया है. साथ ही ऐसा नहीं करने पर शैडो ऑब्झर्वर द्वारा दर्ज की गई खर्च की रकम को संबंधित प्रत्याशियों के चुनावी खर्च के ब्यौरे में जोड देने की चेतावनी दी गई है. इसके चलते फिलहाल भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा के लिए मुश्किले खडी होती दिखाई दे रही है. क्योंकि उन्होंने तीनों प्रमुख प्रत्याशियों में सबसे कम याणि मात्र 17 लाख 30 हजार 753 रुपए के चुनावी खर्च का ब्यौरा दिया है. जबकि शैडो ऑब्झर्वर के मुताबिक नवनीत राणा ने अपने चुनाव प्रचार पर 1 करोड 26 लाख 69 हजार 176 रुपए खर्च किए. यह रकम केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा तय की गई अधिकतम खर्च की मर्यादा से भी अधिक है. जिसे लेकर अब भाजप प्रत्याशी नवनीत राणा को अगले 48 घंटे में निर्वाचन विभाग के समक्ष अपनी सफाई देनी होगी.
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी बलवंत वानखडे द्वारा निर्वाचन विभाग को दिए गए खर्च के ब्यौरे में 24 लाख 1 हजार 747 रुपयों का चुनावी खर्च दर्शाया गया है. जबकि शैडो ऑब्झर्वर के मुताबिक बलवंत वानखडे द्वारा अपने चुनाव प्रचार पर 58 लाख 22 हजार 251 रुपए खर्च किए गए. इसी तरह प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रत्याशी दिनेश बूब द्वारा 28 लाख 47 हजार 545 रुपयों के चुनावी खर्च का ब्यौरा दिया गया. जबकि शैडो ऑब्झर्वर के मुताबिक दिनेश बूब ने उनके चुनाव प्रचार पर 77 लाख 13 हजार 784 रुपए खर्च किए. ऐसे में जिला निर्वाचन निर्णय अधिकारी द्वारा तीनों ही प्रत्याशियों के नाम नोटिस जारी करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है.
इस संदर्भ में जिला निर्वाचन निर्णय अधिकारी कार्यालयों के सूत्रों ने दैनिक अमरावती मंडल को बताया कि, नामांकन प्रक्रिया शुरु होने से लेकर मतदान वाले दिन की अवधि के दौरान चुनाव खर्च निरीक्षक द्वारा तीन बार सभी प्रत्याशियों के चुनावी खर्च के ब्यौरे की समीक्षा करते हुए इस संदर्भ में शैडो ऑब्झर्वर द्वारा दर्ज किए गए खर्च के आंकडो का मिलान किया जाता है और इस बार के चुनाव में तीनों ही बार तीनों प्रमुख प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की रकम में फर्क पाया गया. जिसके चलते जिला निर्वाचन विभाग ने तीनों प्रमुख प्रत्याशियों के नाम नोटिस जारी की है. ऐसे में अब तीनों प्रत्याशियों के अगले 48 घंटे के भीतर अपना स्पष्टीकरण देना होगा, अन्यथा शैडो ऑब्झर्वर द्वारा दर्ज किए गए खर्च को प्रत्याशियों द्वारा किया गया खर्च मानते हुए उन्हें उस खर्च की राशि को उनके चुनावी खर्च के ब्यौरे में जोड दिया जाएगा. साथ ही उनके खिलाफ जिला निर्वाचन विभाग को गलत ब्यौरा देने के मामले में कार्रवाई भी की जाएगी. जिला निर्वाचन विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक किसी भी चुनाव में मतगणनावाले दिन के बाद अगले 20 दिनों तक चुनाव लडनेवाले प्रत्याशियों द्वारा अपनी सटीक चुनावी खर्च का ब्यौरा दिया जा सकता है. जिसके बाद उनके खिलाफ निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाती है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, चूंकि आगामी 4 जून को लोकसभा चुनाव की मतगणना होनेवाली है. इसके चलते सभी प्रत्याशियों के पास अपने चुनावी खर्च का चुस्तदुरुस्त हिसाब-खिताब पेश करने के लिए 24 जून का तक का समय है. उसके बाद निर्वाचन विभाग द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

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