अमरावतीमहाराष्ट्र

प्याज और टमाटर की कीमतों में भारी गिरावट

लागत खर्च से भी कम मिल रहे दाम

* किसानों की बढ गई चिंता
अमरावती/दि.17-पिछले कुछ दिनों में प्याज और टमाटर की कीमत में भारी गिरावट होने से किसानों की चिंता बढ गई है. विदर्भ की बाजार समितियों में देरी से खरीफ के प्याज की आवक बढने से प्याज की कीमत में गिरावट आई. दूसरी ओर, कई स्थानों पर बेमौसम बारिश और बदलते मौसम की स्थिति के कारण प्रति एकड प्याज के उत्पादन में गिरावट आई है. स्थानीय बाजार में टमाटर आने के बाद कीमतें कम हो गईं, जिससे ग्राहकों को तो फायदा हुआ, लेकिन किसान संकट में आ गए है.
अमरावती कृषि उपज बाजार समिति के फल और सब्जी बाजार में बुधवार को 463 क्विंटल प्याज की आवक हुई. न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 2 हजार 500 रुपये यानी औसतन पंद्रह सौ रुपये प्रति क्विंटल मूल्य मिला. पिछले सप्ताह प्याज की औसत कीमत 1,900 रुपये प्रति क्विंटल थी. इसमें 400 रुपये की गिरावट देखी गई है.
बुधवार को मंडी में 136 क्विंटल टमाटर की आवक हुई. न्यूनतम 1 हजार और अधिकतम 1200 यानी औसत रेट ग्यारह सौ रुपये मिला. हालांकि सप्ताह के दौरान ये कीमतें स्थिर रही हैं, लेकिन पिछले महीने टमाटर की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई है. खुदरा बाजार में टमाटर 20 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है.
प्याज के बेहद कम दाम मिलने से किसानों में रोष निर्माण हुआ है. केंद्र सरकार ने प्याज पर लगाया 20 प्रतिशत आयात शुल्क रद्द करने की मांग किसानों ने की है.
विदर्भ में, सफेद प्याज विशेष रूप से रबी मौसम के दौरान उगाया जाता है. फिलहाल प्याज की खेती लगभग पूरी हो चुकी है. यह प्याज गर्मियों में पककर बाजार में आता है. कुछ क्षेत्रों में देर से ख़रीफ प्याज का उत्पादन किया जाता है. हालांकि यह प्याज अभी बाजार में है, लेकिन टिकेगा नहीं. इसलिए व्यापारियों का कहना है कि बाजार में इसकी अपेक्षित कीमत नहीं मिल रही है. राज्य के कई हिस्सों में, प्याज चार मौसमों में उगाया जाता है. यह प्याज धीरे-धीरे बाजार में आ रहा है. लेकिन, अनुभव है कि आवक बढते ही प्याज की कीमत गिर जाती है.
टमाटर की कीमतों में भी भारी गिरावट आई है. दो महीने पहले 60 रुपये प्रति किलो बिकने वाला टमाटर अब खुदरा बाजार में 15 से 20 रुपये प्रति किलो पर आ गया है. चूंकि टमाटर को बाजार समितियों में सस्ते दाम मिलते हैं, इसलिए किसानों ने टमाटर को बाजार में लाने के बजाय जानवरों को खिलाना शुरू कर दिया.

किसानों के सामने संकट
प्याज के दाम कम होने से किसानों के सामने संकट बढ गया है. विदर्भ में रबी सीजन का प्याज बाजार में आने में अभी समय है. उससे पहले भी कीमतों में गिरावट से किसान उत्पादन लागत निकाल पाएंगे या नहीं, इस बात की शंका है.
– पौरुष पाटिल, किसान,
दहिगांव पूर्णा.

 

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