अमरावती

पेट्रोल और डीजल की दरों में भारी वृध्दि

महंगाई की मार से नागरिको में निराशा

अमरावती/दि.1 – कोरोना के बाद से भले ही सभी परेशान है. लेकिन इससे सरकार को कोई लेना देना नहीं है. उसे हर साल राजस्व चाहिए. महंगाई से लोग मरते है तो मरे वाली स्थिति है. इससे लोगों में जबर्दस्त नाराजी देखी जा रही हैे. महंगाई भला क्यों नहींं बढ़ेगी. पिछले 31 दिनों में ही पेट्रोल की कीमत मे 7.21 रूपये, स्पीड पेट्रोल 7.20 रूपये तथा महंगाई मे सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले डीजल की दरों में 8.39 रूपये की वृध्दि हुई है इसके कारण महंगाई बेलगाम है और इसें आम आदमी गरीब, मध्यम वर्गीय पर झुलसने की नौबत आ गई है. लेकिन सत्तापक्ष के साथ ही विपक्ष पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है.
जानकारी के मुताबिक 1 अक्तूबर को पेट्रोल 109.43 रूपये लीटर था. लेकिन यह 31 अक्तूबर 116.64 रूपये यानी एक माह में रिकार्ड 7 रूपये 21 पैसे से महंगा हो गया. स्पीड पेट्रोल 1 अक्तूबर को 112.34 रूपये लीटर था. लेकिन 31 अक्तूबर को 19.54 रूपये लीटर हो गया है. जबकि डीजल ने आग लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसमें सर्वाधिक रिकार्ड वृध्दि हुई है. 1 अक्तूबर को 99.36 रूपये लीटर वाला डीजल 31 अक्तूबर को 107.75 रूपये लीटर की दर से बिका. बीस दिनों में इसकी कीमतों में 8.39 रूपये की वृध्दि हुई है.

विपक्ष गहरी नींद में सोया

पहले पेट्रोल और डीजल की दर में 50 पैसे की वृध्दि होने के बाद भाजपा सहित विपक्षी दल सरकार को घेर लेते थे. लेकिन अब हर दिन इसकी दरों में वृध्दि होने के बाद भी विपक्षी पार्टी भाजपा को समय नहीं मिल पा रहा है. विपक्ष गहरी नींद में सोया हुआ है. जबकि बढती महंगाई गरीबों की जान लेने को उतारू दिखाई दे रही है. लेकिन सरकार को तो राजस्व चाहिए, लेकिन विपक्ष को आम जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना ही नहीं रहनेवाला रवैया अख्तियार किया जा रहा है. बढती महंगाई ने जहां लोगों को त्रस्त कर दिया है, वहीं राजनीतिक दलों की उदासीनता को लेकर हैरत जताई जा रही है.

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