अमरावती/दि.04– सराफा परिसर में ट्युमर से पीडित मादा श्वान के बारे में प्राणी प्रेमी सुवर्णा देवघरे और विद्या प्रकाश चांडक ने जैसे ही वसा संस्था को खबर की, संस्था की एनिमल रेस्क्यू टीम ने श्वान को रेस्क्यू किया. उसके पेट से लटकते मास के गोले के कारण उसे बडी तकलीफ होती थी. ऐसे में श्री गोरक्षण वेटरनरी अस्पताल में लाकर श्वान की जांच की गई. उपरांत डॉ. सुमित वैद्य ने वसा रेस्क्यू सेंटर में उसे भरती किया.
* ढाई घंटे की सर्जरी
शुक्रवार सुबह श्वान की सभी प्रकार की जांच के पश्चात डॉ. सुमित वैद्य और सहायक पशु चिकित्सक शुभम सायंके ने 2 घंटे 40 मिनट की सर्जरी कर छाती से लटक रहे 870 ग्राम के ट्युमर को सफलता से निकाला. बडी शल्यक्रिया के लिए इलेक्ट्राक्वाटरी और गैस अनेस्थेशीया मशीन का उपयोग लिया गया.
* 49 टाके, प्रकृति स्थिर
डॉ. सुमित वैद्य ने बताया कि, सर्जरी के बाद मादा श्वान की हालत स्थिर है. उसे 49 टाके लगाने पडे. इस गांठ के अलावा श्वान को पेशाब की जगह कैन्सर है. अगले सप्ताह उसकी कीमोथेरपी शुरु की जाएगी. अभी श्वान को वसा संस्था में रखा जाएगा.
* दूध की गांठो से कैंसर
शुभमनाथ सायंके ने बताया कि, कई बार लोग अपने परिसर में जन्मे कुत्ते के पिल्ले पोते में भरकर अथवा बॉक्स में भर कर छोड आते है. ऐसे में मादा श्वान से रहा नहीं जाता. दूध पिने के लिए पिल्ले नहीं होने से सीने में गांठ बन जाती है. समय के साथ मस्टाईटिस्ट अथवा ट्युमर तैयार हो जाता है. अधिक बडा हो गया ट्युमर कुत्ते को चलने और बैठने में तकलीफ देता है.