* प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय में राजयोग शिविर
अमरावती/ दि. 1-मनुष्य जीवन अत्यंत सरल और आसान होता है. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के कारण विचारों के आदान-प्रदान में अर्थ के अनर्थ से जीवन में कई समस्याएं निर्माण होती है. अगर कोई मां अपने बच्चों पर चिल्लाती है तो वह उसके बच्चों की भलाई के बारे में सोचकर गुस्सा कर रही होती है. लेकिन देखनेवाले इसे अपनी नजरिए से देखते हुए बच्चों से अधिक उसकी मां को भला बुरा कहते है और परिस्थिति को समझे बिना ही सूझबूझ का परिचय देने की बजाय उसे अधिक जटिल बना देते है. इसलिए मनुष्य को अपने जीवन को जितना हो सके उतना सरल और आसान बनाने का प्रयास करना चाहिए. ऐसा प्रतिपादन मुुंबई के ब्रम्हकुमार प्रो. ई.वी. गिरीश ने व्यक्त किए.
स्थानीय बडनेरा मार्ग पर स्थित प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के विश्व परिवर्तन भवन में 5 दिवसीय राजयोग शिविर का आयेाजन किया गया है. शिविर के पहले दिन आध्यात्मिकता की सत्य पहचान विषय पर वे बोल रहे थे. शिविर की शुरूआत ब्रम्हकुमारीज सोशल विंग की संचालिका राजयोगिनी सीता दीदी, पूर्व पार्षद श्रीचंद तेजवानी की उपस्थिति में सभी मान्यवरों का स्वागत किया गया. इस अवसर पर गिरीश भाई राजयोगिनी सीता दीदी ने भी मार्गदर्शन किया और शिविर की जानकारी दी.
शिविर के पहले दिन रघुवीर स्वीट के संचालक दिलीपभाई पोपट , राकां नेता डॉ. गणेश खारकर व नागरिक बडी संख्या में उपस्थित थे. रविवार को मेडिकल विंग द्बारा शिविर में सुबह 9 से 11 बजे तक द साइंस ऑफ साइलेंस, सुबह 11.30 बजे से 1.30 बजे तक बिजनेस विंग द्बारा द बिजनेस ऑफ हेपीनेस कार्यक्रम का आयोजन किया गया और दोपहर 4 से 6 बजे तक खुशनुमा जीवन जीने की कला विषय पर मुंबई से पधारे ब्रम्हकुमार प्रो. ई.वी. गिरीश ने उपस्थितों को मार्गदर्शन किया.