अमरावती

घुईखेड से पंढरपुर निकली वारी में शामिल हुए सैकडों श्रद्धालु

संत बेंडोजी बाबा पालकी की चली आ रही है 134 वर्षो से परंपरा

28 जून को पंढरपुर पहुंचने के बाद 3 जुलाई को वापसी की यात्रा होगी प्रारंभ
चांदूर रेलवे/दि.18- चांदूर रेलवे तहसील के घुईखेड स्थित बोंडजीबाबा संस्थान की ओर से हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी आषाढी एकादशी निमित्त पैदल वारी का आयोजन किया गया है. यह वारी गाते बजाते, भजन-कीर्तन, भारुढ करते हुए पंढरपुर के लिए सैकडों श्रद्धालुओं सहित मंगलवार, 16 मई को रवाना हुई. य दिंडी 28 जून को पंढरपुर पहुंचेगी.
दिंडी पंढरपुर रवाना होने से पूर्व पादुका का जलाभिषेक मंदिर के ट्रस्टी दिनकरराव घुईखेडकर के हस्ते किया गया. अस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष वसंतराव घुईखेडकर, विश्वस्त प्रवीण घुईखेडकर, प्रशांत घुईखेडकर आदि की उपस्थिति थी. जिसके पश्चात नियमानुसार गांव की चंद्रभागा नदी की ओर दिंडी ने प्रस्थान किया. दिंडी में घुईखेड सहित आसपास के गांवों के श्रद्धालु भी शामिल हुए.
पंढरपुर में आनेवाली श्री संत ज्ञानेश्वर माउली पालकी समारोह में शामिल होने वाली 21 दिंडियों में से सम्मान की दिंडी के रुप में संत बोंडोजी महाराज संस्थान, घुईखेड की दिंडी का 17वां क्रमांक है तथा विदर्भ से जानेवाली घुईखेड की यह एकमेव दिंडी है. इस पैदल दिंडी की परंपरा 134 वर्ष पुरानी है जो आज भी निरंतर जारी है. 16 मई को घुईखेड से निकली यह दिंडी 29 मई को पैठण पहुंचेगी तथा 30 मई को पैठण से यह प्रस्थान करेगी और भ्रमण करती हुई यह दिंडी 28 जून को पंढरपुर पहुंचेगी. 3 जुलाई को विनेकर के पंढरपुर काल्या के बाद वापसी की यात्रा के लिए दिंडी रवाना होगी. इस दिंडी में नंदकिशोर काकडे, संजय काकडे, राजाभाउ चौधरी, अमोल देशमुख, दादाराव क्षीरसागर, पांडुरंग भोयर, विश्वेश्वर गावंडे, गडलिनकर महाराज आदि समेत सैकडों श्रद्धालु शामिल हुए.
* चार बालभक्त हुए दिंडी में शामिल
घुईखेड से निकली इस दिंडी में चांदूर बाजार तहसील के चार बालभक्त भी शामिल हुए. उनमें सकु ओकटे, जीविका ओकटे, निवृत्ति भुुंबर और मुक्ता भुंबर का समावेश है.

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