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कुंभ मेले के लिए जिले से हर दिन सैकडों श्रद्धालु रवाना

शहर के कुछ स्थानों से श्रद्धालुओं को जाने की व्यवस्था

* निवास के साथ खाने की भी सुविधा
अमरावती /दि. 17– प्रयागराज में जारी महाकुंभ मेले में पवित्र स्नान करने के लिए जिले से हर दिन सैकडों श्रद्धालु जा रहे है. वहां उन्हें किसी भी तरह की असुविधा न होने के लिए मार्गदर्शन के लिए शहर के दशहरा मैदान के श्री हनुमान मंदिर सहित विविध स्थलो से व्यवस्था की गई है. प्रयागराज में जाने के बाद कहां रहना, नाश्ता कहां करना, किस मार्ग का आवाजाही के लिए इस्तेमाल करना, वहां किस वाहन की सुविधा है, कम खर्च में किस तरह शाही स्नान का आनंद लिया जा सकता है आदि जानकारी दी जा रही है.
कुछ श्रद्धालु खुद के वाहन से तथा अधिकांश श्रद्धालु ट्रेन से प्रयागराज जा रहे है. सीधे अमरावती तथा बडनेरा से ट्रेन न रहने के कारण जहां से कुंभ मेले के ट्रेन की सुविधा है उस स्टेशन से टिकट निकालकर श्रद्धालु महाकुंभ स्थल पर ट्रेन से पहुंच रहे है. कुछ नागपुर जाकर वहां दिल्ली और वहां से प्रयागराज जा रहे है. श्रद्धालुओं को जैसी सुविधा हो उसके मुताबिक वे अपना सफर करते रहने की जानकारी प्रयागराज पहुंचे श्रद्धालुओं ने दी. गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के त्रिवेणी संगम पर शाही स्नान करने का महाकुंभ में हमें मौका मिला है. इस कारण इस अवसर का लाभ लेने का हमने निश्चय किया है. हमारे साथ युवा लोग बडी संख्या में है. यहां ठंड काफी है. हमने गरम कपडे साथ रखे है, इस कारण ठंड से काफी बचाव हो रहा है. प्रयागराज में पहुंचने के बाद त्रिवेणी संगम तक पहुंचने के लिए स्थानीय प्रशासन, शासन सहित स्वयंसेवी संस्था द्वारा वाहनों की भी सुविधा की गई है. साथ ही सनातन संस्था द्वारा यहां बडी ग्रंथ प्रदर्शनी कलाकुंभ के सामने शुरु की गई है. इसका भी श्रद्धालुओं को लाभ लेने का आवाहन सनातन के संजय चौधरी ने किया है.

* अन्नछत्र का लाभ लेने का आवाहन
श्रद्धालुओं के लिए विविध संस्थाओं ने महाकुंभ परिसर में अन्नछत्र की हर 100 से 200 मीटर पर सुविध की है. इस कारण जिले से यहां आनेवाले भक्तगणों को सुबह निशुल्क मिलनेवाली चाय-बिस्कीट, सुबह और शाम मिलनेवाले पोहे, उपमा, आलू की सब्जी का लाभ मिलता है. पश्चात दोपहर और रात का खाना भी निशुल्क दिया जाता है. घी लगाई तंदूरी रोटी, दाल-चावल, दो सब्जी और एक मीठा पदार्थ तथा रात को पूरी सहित दो सब्जी, दाल-चावल और एक मीठा पदार्थ खाने को मिलता है. खानपान में ही अधिक पैसा खर्च होता है. उसे टालने के लिए अन्नछत्र का लाभ लेने और बाहर का खाने का खर्च टालने का आवाहन अमरावती के स्वयंसेवकों ने किया है.

* खानपान की कोई भी दुविधा नहीं
सनातन संस्था द्वारा प्रयागराज के महाकुंभ में सेवा देने के लिए आया हूं. अन्य भी अनेक श्रद्धालु जिले से आए है. विस्तारित रहे परिसर में यह स्थल है. यहां चाय, नाश्ता और खानपान की कोई भी असुविधा नहीं है. दोपहर और रात में प्रत्येक 100 मीटर की दूरी पर एक अन्नछत्र है. जहां पेटभर खाना मिलता है. किसी के साथ भी धोखाधडी न होने के लिए हम श्रद्धालुओं को आवश्यकता के मुताबिक सहायता व मार्गदर्शन कर रहे है.
– विलास सावरकर, स्वयंसेवक, अमरावती.

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