अमरावतीमहाराष्ट्र

फायर सेफ्टी ऑडिट बाबत शहर की सैकडों आस्थापना लापरवाह

मनपा की नोटिस पर कोई जवाब नहीं

अमरावती /दि.19– ग्रीष्मकाल में आग लगने की घटनाएं बढती रहने से अग्निसुरक्षा की दृष्टि से उपाययोजना करने के लिए मनपा ने आस्थापनाओं को नोटिस दी है. 15 जनवरी से 15 मार्च की कालावधि में 625 आस्थापनाओं को नोटिस दी गई. इनमें से 147 आस्थापनाओं ने प्रतिसाद देते हुए एनओसी प्रमाणपत्र लिया है. अन्य आस्थापनाओं की लापरवाही इससे उजागर होती है.
दो दिन पूर्व एमआईडीसी के एक कारखाने में भीषण आग लग गई. इसके पूर्व जवाकर रोड के विख्यात वल्लभ भवन की इमारत में आग लगने की घटना घटित हुई. ग्रीष्मकाल में आग लगने का प्रमाण बढने से सावधानी के रुप में मनपा द्वारा शहर की आस्थापनाओं को फायर ऑडिट कर लेने की सूचना दी गई है. विविध शासकीय व अर्धशासकीय कार्यालय, अपार्टमेंट, निजी कार्यालय और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को नोटिस देकर प्रमाणपत्र लेने कहा है. 15 जनवरी से 15 मार्च की कालावधि में शहर की 1158 आस्थापनाओं में से 635 आस्थापनाओं को नोटिस दी गई है. शेष को नोटिस देने की प्रक्रिया शुरु है. 635 में से 147 आस्थापनाओं में कागजपत्र की पूर्तता करते हुए फायर सेफ्टी ऑडिट करवाकर इस नोटिस को प्रतिसाद दिया है. अन्य 488 आस्थापनाओं ने इस ओर अनदेखी की है. वह इस बाबत गंभीर नहीं दिखाई दे रहे है. मनपा क्षेत्र के पंजीकृत 239 अस्पतालों में से 155 को नोटिस दी गई है. इसमें से 140 अस्पतालों ने फायर सेफ्टी ऑडिट किया है. 200 शालाओं में से 5 शालाओं में फायर सेफ्टी ऑडिट हुआ है, जबकि 49 महाविद्यालयों में से किसी भी महाविद्यालय ने मनपा की नोटिस को गंभीरता से नहीं लिया है.

* फायर ऑडिट करना आवश्यक
फायर ऑडिट यह अग्निसुरभा उपाय जांच की प्रक्रिया है. आग का खतरा तलाशने के लिए सहायता मिलती है. फायर सेफ्टी ऑडिट फायर अलार्म, एक्टींगविशर आपातकालीन गमन और सुरक्षा प्रक्रिया का परीक्षण करता है. आस्थापना द्वारा आग की घटना टालने के लिए फायर ऑडिट करना आवश्यक है. फिलहाल नोटिस देने की प्रक्रिया शुरु है. आगे कार्रवाई की जाएगी.
– लक्ष्मण पावडे,
मुख्य अग्निशमन अधिकारी, मनपा.

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