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रिमझिम बारिश में सैकड़ों का धिक्कार मोर्चा

सर्वदलीय मोर्चे से राकांपा रही दूर

* राणा दंपत्ति के विरोध में जोरदार नारेबाजी
* पुलिस का रहा मोर्चे के दौैरान तगड़ा बंदोबस्त
अमरावती/दि.2- भीम ब्रिगेड के संस्थापक अध्यक्ष राजेश वानखडे व अन्यों पर दर्ज किए गए झूठे मामले वापस लेने के लिए और मामले दर्ज करने के लिए परावृत्त करने वाले राणा दंपत्ति और अन्यों पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर मंगलवार 2 मई को दोपहर 12.30 बजे जिले के समस्त आंबेडकरी अनुयायी व विविध राजनीतिक दल तथा सामाजिक संगठना ने आज जिलाधिकारी कार्यालय पर धिक्कार जनाक्रोश मोर्चा निकाला. रिमझिम बारिश शुरु रहने के बावजूद इस मोर्चे में महिला समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए. मोर्चे के दौरान राणा दंपत्ति के विरोध में जोरदार नारेबाजी की गई. इस मोर्चे से राकांपा के नेता व कार्यकर्ता दूर रहे. मोर्चे के दौरान पुलिस का तगड़ा बंदोबस्त तैनात रखा गया था.
बता दें कि भीम ब्रिगेड संगठना के राजेश वानखडे व अन्यों पर भारतीय दंड संहिता 1960 अधिनियम की धारा 354, 143, 501, 149, 294, 341 और 509 के तहत डॉ. बाबासाहब आंबेडकर जयंती के दूसरे दिन 15 अप्रैल को गाड़गेनगर थाने में दर्ज किए गए थे. यह झूठे मामले तत्काल रद्द करने की मांग को लेकर 17 अप्रैल को पुलिस आयुक्त कार्यालय के सामने धरना देकर ज्ञापन सौंपा गया था. लेकिन ज्ञापन सौंपने के बावजूद पुलिस प्रशासन द्वारा कोई पहल नहीं की गई. इस कारण सभी आंबेडकरी अनुयायियों में तीव्र असंतोष व्याप्त हो गया था. राणा दंपत्ति द्वारा संवैधानिक पद का दुरुपयोग कर यह मामले दर्ज करवाए. इन मामलों को वापस लेने की मांग को लेकर और राणा दंपत्ति के विरोध में भीमसैनिकों ने धिक्कार जनाक्रोश मोर्चे का आयोजन किया. इस मोर्चे में सैकड़ों की संख्या में आंबेडकरी अनुयायी शामिल हुए. इसके अलावा इस मोर्चे को बसपा, वंचित बहुजन आघाड़ी, कांग्रेस, उद्धव बालासाहब ठाकरे शिवसेना, प्रहार जनशक्ति पार्टी, भारत मुक्ति मोर्चा, आजाद समाज पार्टी, संविधान आर्मी भुसावल, आम आदमी पार्टी, भीम आर्मी, भीम ब्रिगेड, संभाजी ब्रिगेड, जिजाऊ ब्रिगेड, दलित पैंथर, रिपाई, पीरिपा, महाराष्ट्र युवा सेना, महाराष्ट्र ओबीसी महासंघ, मूलनिवासी संघ, भीमशक्ति संगठना, आदिवासी मन्यवार समाज, पब्लिक पार्लियामेंट, भारत मुक्ति मोर्चा, रिपब्लिकन सेना, भारतीय दलित पैंथर आदि का समर्थन था. रिमझिम बारिश शुरु होने के बावजूद दोपहर 12.30 बजे से इस मोर्चे की इर्विन चौक स्थित डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के पुतले के पास से शुरुआत हुई. मोर्चे में ट्रैक्टर पर भारतरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की अर्धाकृति प्रतिमा थी. सर्वप्रथम मोर्चा निकलने के पूर्व मोर्चे में शामिल आंबेडकरी अनुयायियों ने भारतीय संविधान का पठन किया. पश्चात अनेकों ने इस मोर्चे की पृष्ठभूमि अपना मनोगत व्यक्त कर बताते हुए राणा दंपत्ति के विरोध में तीव्र रोष व्यक्त किया. इनमें शिवसेना के महानगर प्रमुख पराग गुडधे, संपर्क प्रमुख सुधीर सूर्यवंशी, कांग्रेस के प्रवीण मनोहरे, वंचित बहुजन आघाड़ी के महानगर अध्यक्ष आशीष लुल्ला, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता एड. दिलीप एडतकर, हरीभाऊ मोहोड, शिवसेना महिला आघाड़ी की प्रतिभा बोपशेट्टी, वर्षा भोयर, अभिजीत देशमुख, सुनील खराटे, प्रहार के बंटी रामटेके, किरण गुडधे, सुदाम बोरकर, योगेश गुडधे, एड. दीपक सदार,प्रवीण सरोदे, युवक कांग्रेस के पंकज मोरे, सागर देशमुख, वैभव देशमुख, शिवसेना महिला आघाड़ी की प्रतिभा बोपशेट्टी, वर्षा भोयर का समावेश था. पुलिस के तगड़े बंदोबस्त में यह मोर्चा इर्विन चौक से गर्ल्स हाइस्कूल होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा. जहां मोर्चे का रुपांतर सभा में हुआ. दोपहर 2 बजे प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी पवनीत कौर से भेंट कर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा और राजेश वानखडे व अन्यों पर दर्ज झूठे मामले वापस लेने की मांग की गई. पश्चात 2.30 बजे मोर्चे का समापन हुआ. इस मोर्चे को देखते हुए पुलिस उपायुक्त विक्रम साली, सागर पाटील के नेतृत्व में पुलिस का तगड़ा बंदोबस्त तैनात किया गया था.

कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में राणा दंपत्ति पर तीव्र रोष
प्रतिनिधि मंडल द्वारा जिलाधिकारी पवनीत कौर को सौंपे ज्ञापन में आरोप किया गया है कि राणा दंपत्ति संवैधानिक पद पर कार्यरत रहते किसान आत्महत्या, कुपोषण, रोजगार, महंगाई, सरकारी शिक्षण व स्वास्थ्य की समस्या को प्राथमिकता न देते हुए केवल दो समुदाय में मतभेद निर्माण करने के प्रयास में रहते हैं. ऐसा ही उनकी कार्यशैली से दिखाई देता है. उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए साक्षी उमक, मीरा कोलटके, वनिता तंतरपाले को विनोद गुहे के साथ गाड़गेनगर थाने में भेजकर झूठे मामले दर्ज किये. 13 व 14 अप्रैल को इर्विन परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच न करते हुए पुलिस द्वारा झूठे मामले दर्ज किए गए. इस संपूर्ण प्रकरण की जांच कर न्याय देने और झूठे मामले दर्ज करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई.

मोर्चे में महिलाएं भी हुई शामिल
धिक्कार जनआक्रोश मोर्चे में बारिश शुरु रहने के बावजूद महिलाएं शामिल हुई. इस मोर्चे में महिलाओं के अलावा विविध संगठना के पदाधिकारी तथा चंदू कामले, धनराज शेंडे, आदर्श शिंपी, कपिल पडघान, सुनील गायकवाड़, ज्ञानेश गडलिंग, नंदू वानखडे, छोटू दाभाडे, संघर्ष खुले,कर्मा गवई, अमोल गायगोले, गौतम गवली, राजेश वानखडे, गौतम माइंदे, बाबाराव धुर्वे, दीपक मेटांगे, अक्षय माटे, उमेश मेश्राम, विवेक हिवराले, मधुकर घुले, संजय कादे, निलेश वर्धे, संजय कदम, संतोष धस, रविंद्र फुले, संदीप धवराल, नितिन काले,प्रवीण वानखडे,गुड्डू इंगले, नंदू काले, अशोक वासनिक, शुभांगी वरघट, प्रियंका तसरे, जागृति वानखडे, वैशाली मोहोड, प्रिया वाघमारे,प्रणिता वाघमारे, सुभद्रा पगारे, प्रियंका पडवेकर, लता मेश्राम, किशोर सरदार, प्रफुल्ल तायडे, डॉ. चंद्रशेखर कुरलकर, मिनाक्षी करवाडे, प्रमोद तसरे, राधा कांबे, सुनीता जामनिक, पदमा मोहोड,जे.एम. गोंडाने, सिद्धार्थ गवई, रितेश तेलमोरे, हर्षित नंदेश्वर समेत सैकड़ों लोगों का समावेश था.

 

 

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