टोल बचाने के लिए नांदगांवपेठवासियों के नाम पर सैकडों वाहन
आयआरबी के टोल को करोडो का नुकसान
* वाहन संचालकों की करामत, 200 से अधिक वाहन नांदगांवपेठ के नागरिकों के नाम पर
अमरावती/दि.16- हर दिन हजारों रुपए का टोल बचाने के लिए जिले के असंख्य व्यवसायिक वाहन संचालकों ने अपने वाहन नांदगांवपेठ के नागरिकों के नाम पर किए रहने की बात उजागर हुई है. करीबन 200 से अधिक वाहन 10 साल से हर दिन हजारों रुपए का टोल टैक्स चुकाते रहने से इसके पीछे एक रैकेट सक्रिय रहने का अनुमान लगाया जा रहा है. इस बाबत नांदगांवपेठ थाने में शिकायत दर्ज की गई है. यह प्रकरण जांच समिति की तरफ रहने की जानकारी है.
10 वर्ष पूर्व आयआरबी कंपनी ने बीओटी प्रणाली पर राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 6 पर अमरावती से तलेगांव तक फोरलेन सडक का निर्माण किया. नांदगांवपेठ में टोल नाके का निर्माण कर वाहनधारकों से सडक के इस्तेमाल संबंध में निश्चित रकम इस टोल नाके पर वसूली जाने लगी. नांदगांवपेठ सहित आसपास के परिसर में व्यवसाय करने वाले वाहन संचालकों ने इस टोल टैक्स को बचाने के लिए नई कल्पना लडाई. हर दिन हजारों रुपए एक वाहन के पीछे खर्च होता रहने से उन्होंने नांदगांवपेठ के नागरिकों के साथ मिलकर नोटरी के जरिए वाहनों के कागजपत्र कुछ नागरिकोें के नाम पर किए और उस आधार पर करीबन 200 से अधिक वाहन अब तक इस टोल नाके से नि:शुल्क जाते रहे. इस प्रक्रिया में एक रैकेट सक्रिय रहने की जानकारी सामने आई है. एक वाहन के पीछे 10 रुपए दुय्यम वाहन संचालक को दिए जा रहे थे. इस कारण अब तक कारोडों रुपए का नुकसान आयआरबी व शासन को हुआ है.
नवनियुक्त कार्यरत हुए टोल मैनेजर को यह बात ध्यान में आते ही उन्होंने सभी व्यवसायिक वाहनों को टोल अनिवार्य कर दिया. इसी कारण कुछ दिन पूर्व स्थानीय वाहन संचालक और टोल व्यवस्थापन में संघर्ष हुआ था. लेकिन टोल शासन के नियम के मुताबिक कार्रवाई करता है. शासन व्दारा निश्चित किए गए निर्देशों का पालन करता रहने की जानकारी टोल व्यवस्थापक ने दी. लेकिन यह रैकेट कौन सा है? इसमें कौन शामिल है? कितने वाहन एक के नाम कैसे किए गए? इस बाबत गहन जांच शुरु रहने की जानकारी है. इसके अलावा दोषियों पर कार्रवाई करने की प्रक्रिया भी शुरु है, ऐसा सूत्रों का कहना है.