दर्यापुर/प्रतिनिधि दि.२१ – कोरोना महामारी के चलते स्कूल-कॉलेज बंद रहने से गत वर्ष शैक्षणिक सत्र डूब गया. छात्रों का यातायात बंद रहने से स्कूल व्हैन मालिक व चालकों पर भूखमरी की नौबत आन पड़ी है. हालात इतने बदतर हो गये है कि स्कूल बस चालकों को बस व व्हैन के हफ्ते भरना भी संभव नहीं हो पा रहा है. इसलिए प्रशासन ने स्कूल बस, व्हैन चालकों के बारे में सोच विचार कर आर्थिक मदद करने की मांग जोर पकड़ती जा रही है.
यहां बता दें कि दर्यापुर शहर में छात्रों को लाने-ले जाने के लिये बड़े पैमाने पर स्कूल बस दौड़ती हैं. छात्रों को घर से लेकर स्कूल तक पहुंचाने का काम स्कूल बसेस व व्हैन के माध्यम से किया जाता है. स्कूल बस व व्हैन यह शालेय समूह का महत्वपूर्ण घटक माना जाता है. चालक व वाहकों की उपजीविका व्हैन के माध्यम से ही पूर्ण होती है.बीता वर्ष पूरी तरह से प्रभावित रहा. इस वर्ष भी स्कूल खुलने के संकेत नहीं दिखाई देने से वाहन धारकों ने अपने वाहन बेचने के लिये बाजार में खड़े कर दिये हैं. महीने का हफ्ता भरने की आर्थिक स्थिति न होने के कारण स्कूल बस, व्हैन मालिक, चालक त्रस्त हो गये है. दर्यापुर शहर में लगभग 50 से अधिक स्कूल व्हैन व बसेस है. इन सभी वाहन धारकों पर भूखमरी की नौबत आन पड़ी है. लिहाजा स्कूल बस,व्हैन चालक और मालिकों ने प्रशासन से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है.