अमरावती

एक ही रात में दो बकरी, एक बकरे व कुत्ते का शिकार

जामली आर गांव में तेंदुए की दहशत

चिखलदरा/दि.11 – तहसील के जामली आर गांव में तेंदुए के कारण संपूर्ण गांव व आसपास के गांव में दहशत फैल गई है. रविवार की रात लगभग 2-3 बजे के दौरान जंगल से गांव में तेंदुए आने से मवेशी चरानेवाले गणेश पटेल के गोठे से दो बकरी व खेत मजदूरी करनेवाले ब्रिजलाल दहीकर के गोठे से बकरे का इस तेंदुए ने शिकार किया है.
गणेश पटेल के गोठे में चीता घुसने से अन्य पालतू प्राणियों के आक्रोश के कारण घर के लोग नींद में जागे तब तक तेंदुआ दो बकरी का शिकार कर भाग चुका था. उसके बाद ब्रिजलाल दहीकर के गोठे से बकरे का शिकार कर उसे खींचते हुए ले जाते हुए देखने पर रामकिशोर दहीकर के कुत्ते ने तेंदुए का भोंकते हुए पीछा किया. तब तेंदुए ने कुत्ते को भी मारकर जंगल में भाग गया. रात में गांव के सभी लोग नींद में से जागने से बड़ी जानहानि टली.
पहले ही आर्थिक स्थिति से परेशान आदिवासी की दो बकरिया और एक बकरे के नुकसान भरपाई की मांग की जा रही है तथा तेंदुए का नरभक्षक होने से पहले ही व्याघ्र विभाग ने तेंदुए के बंदोबस्त करने की मांग भी की थी.

नुकसानग्रस्तों को मुआवजा दिया जायेगा

तेंदुए के हमले में मरनेवाले बकरे का पंचनामा वनरक्षक बिडघीर मैडम ने किया. शासन को प्रस्ताव भेजकर जल्द ही वन्यप्राणियों के कारण नुकसान होनेवाले को शासन के नियमानुसार मुआवजा दिया जायेगा. इसके लिए आगे की कार्रवाई शुरू है. ऐसी प्रतिक्रया जामली आर वनपाल राजेश धुमाले ने दी.

अब गांव जंगल भी हुआ असुरक्षित

आदिवासी गवली समाज के लोग आज भी मवेशी चराने का व्यवसाय करते है. ऐसे गांव में तेंदुआ घुस जाने से गांव में भय का वातावरण है. रोज मवेशी चराने के लिए जंगल में जानेवाले चरवाह में अधिकतम भय निर्माण हो गया है. हम गांव में सुरक्षित नही है तो हम जंगल में कैसे चराए मवेशी यह सवाल उनके सामने खड़ा है.

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