अमरावतीमहाराष्ट्र

अध्यापिका के खून से आरोपी पति बरी

जिला व सत्र न्यायालय का फैसला

* शिकायत और कोर्ट में दी गवाही में फर्क
अमरावती /दि. 29– लगभग 7 वर्ष पूर्व नांदगांव खंडेश्वर थाना क्षेत्र में हुई अध्यापिका की हत्या के प्रकरण में उसके पति आरोपी कीर्तिराज नामदेव इंगोले को जिला व सत्र न्यायालय ने शिकायत और कोर्ट में दी गई साक्ष में अंतर होने के आधार पर बरी कर दिया. इस मामले में सरकारी पक्ष ने 18 गवाह पेश किए थे. कोई गवाह फितूर नहीं होने के बावजूद बचाव पक्ष एड. परवेज एम खान के सफल युक्तिवाद पर कोर्ट ने आरोपी को निर्दोष कहा. बचाव पक्ष द्वारा सर्वोच्च और उच्च न्यायालय के अनेक फैसलों को कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था. आरोपी को संदेह का लाभ देकर बरी किए जाने की जानकारी है.
इस्तगासे के अनुसार घटना 7 नवंबर 2017 को हुई. महिला और आरोपी का विवाह 14 वर्ष पहले हुआ था. दोनों पेशे से अध्यापक थे. दोनों के बीच अनैतिक संबंध के संशय में झगडे होते रहते. जिससे दोनों अलग-अलग रहने लगे. महिला ने आरोपी के विरुद्ध नांदगांव खंडेश्वर कोर्ट में पारिवारिक हिंसा का केस भी दर्ज किया था. घटना के दिन अध्यापिका घर नहीं लौटी. उसके भाई को चिंता हुई. उसने कई लोगों से पूछताछ की. जिसमें पता चला कि, महिला और आरोपी उस दिन वकील के कार्यालय में मिले थे. जिसके बाद लौट गए.
महिला का शव दूसरे दिन येणस रोड पर बरामद हुआ. उसके भाई ने आरोपी के विरुद्ध थाने में शिकायत दी. एक साथी शिक्षक की साक्ष पर पुलिस को जानकारी दी गई कि, आरोपी और मृतका को एक ही वाहन पर येणस रोड की तरफ जाते समय देखा गया.
कोर्ट में 18 साक्षीदार प्रस्तुत किए गए. किंतु बचाव पक्ष ने जोरदार दलीले दी. यह भी कहा कि, शिकायत और कोर्ट के सामने दी गई गवाही में बडी विसंगती दिखाई दे रही है. गवाही से यह सिद्ध नहीं होता कि, घटना के दिन आरोपी कीर्ती इंगोले ही मृतका के साथ दिखाई दिया आखरी व्यक्ति था. कोर्ट ने आरोपी को बरी किया. एड. खान को एड. अनिल जायसवाल, एड. वसीम शेख, एड. सचिन बाखडे, एड. शहजाद शेख, एड. रियाज रुलानी, एड. अजहर नवाज, एड संदीप कथलकर ने सहयोग किया.

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