सालबर्डी डोह में डूबने से बाल-बाल बचे पति-पत्नी
हाथ आए दुपट्टे के जरिए जैसे-तैसे बचाई जान

* पति-पत्नी ने अपने बचने को बताया ईश्वरीय चमत्कार
वरुड/दि.21– समिपस्थ सालबर्डी में श्री चक्रधर स्वामी के दर्शन हेतु पहुंचे अहिल्या नगर निवासी पति-पत्नी सालबर्डी डोह में गिरकर डूबने लगे. लेकिन किस्मत अच्छी तो ऐन समय पर कहीं से बहकर आए एक सफेद दुपट्टे के जरिए दोनों ने अपनी जान बचाई और वे किनारे पर पहुंचे. जिसके बाद पति-पत्नी ने अपनी जान बच जाने को श्री चक्रधर स्वामी का चमत्कार बताया.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक मुलत: सुरली गांव निवासी कन्हैया दिलीपराव बहुरुपी पाटिल अपने परिवार सहित अहिल्या नगर में रहते है और वे अपनी पत्नी मीनल के साथ अपने गांव सुरली में आयोजित भाई के विवाह हेतु वापिस आए थे तथा मोर्शी स्थित अपनी ससुराल में रुके थे. विगत 14 अप्रैल को वरुड में विवाह रहने के चलते वे सुबह के वक्त अपनी पत्नी मीनल और ससुर रमेश खापरे के साथ मोर्शी से वरुड जाने निकले तथा उन्होंने रास्ते में ही पडनेवाले सालबर्डी स्थित सर्वज्ञ श्री चक्रधर स्वामी के चरणांकित स्थान का दर्शन करने का निर्णय लिया. पश्चात वे सुबह 8.45 बजे सालबर्डी पहुंचे तथा नदी के निकट खुले स्थान पर अपनी कार को पार्क करते हुए कार की चाबी अपने ससुर रमेश खापरे के हाथ में दी. इसके बाद कन्हैया और मीनल बहुरुपी कुछ ही दूरी पर स्थित नदी की ओर चले गए तथा नदी पात्र में उतरने के बाद थोडा आगे जाते ही कन्हैया बहुरुपी का संतुलन बिगड गया तथा वे डोह में डूबने लगे. यह देखकर मीनल ने भी अपनी जान की परवाह किए बिना पति को बचाने हेतु डोह में चलांग लगाई. लेकिन दोनों में से किसी को भी तैरना नहीं आता था. जिसके चलते दोनों ही पानी में डूबने लगे और डोह से बाहर निकलने का प्रयास भी करने लगे. यह देखकर किनारे पर खडे कई लोगों ने चीखपुकार मचानी शुरु की. जिसे सुनकर रमेश खापरे भी तुरंत दौडकर नदी किनारे पहुंचे. चूंकि इस डोह में इससे पहले कई लोगों की डूबकर जान जा चुकी है. ऐसे में कोई भी व्यक्ति पानी में डूब रहे पति-पत्नी को बचाने हेतु आगे आने की हिम्मत नहीं कर सका. जिसके चलते एक-दूसरे को बेहद प्यार करनेवाले कन्हैया और मीनल ने होनी को स्वीकार करते हुए एक-दूसरे के प्रति अपनी सांसो को समर्पित कर दिया. तभी अचानक कन्हैया के गले में रहनेवाली माला टूट गई और माला के मनी पानी में बिखर गए. उसी समय कहीं से सफेद रंग का एक दुपट्टा बहते हुए कन्हैया और मीनल के पास पहुंचा. जिसे पकडकर दोनों पति-पत्नी डोह के किनारे पर पहुंचे. उसी वक्त दो अज्ञात लोगों ने हाथ आगे बढाकर दोनों पति-पत्नी को पानी से बाहर निकाला और उन दोनों के पेट में जा चुके पानी को भी बाहर निकाला. परंतु जब तक दोनों पति-पत्नी होश में आकर उन दोनों लोगों के प्रति आभार ज्ञापित कर पाते, तब तक वे दोनों लोग वहां से जा चुके थे. इसी समय खुद को बचाने का प्रयास करनेवाले एक व्यक्ति का मोबाइल पानी में गिर जाने के चलते पति-पत्नी ने उसे कुछ रकम देकर उसके प्रति आभार ज्ञापित किया. साथ ही कहा कि, मां श्रीमती कोकिला बहुरुपी, अहिल्या नगर स्थित वीआरडी की गुरु पूनम बाईजी तथा नागापुर के शाम बिडकर बाबा के आशीर्वाद से उन्हें जीवनदान मिला.
अपने भाई के विवाह हेतु अपने गांव पहुंचे दंपति पर आए इस संकट के टल जाने और संकट से दोनों पति-पत्नी के सही-सलामत व सकुशल बच जाने का आनंद मौके पर उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति के चेहरे पर दिखाई दे रहा था.