पति-पत्नी का अधिकांश समय मोबाइल पर, पूरे वर्ष में 400 तलाक
पारिवारिक न्यायालय : वर्ष 2023 में 963 प्रकरणों का निपटारा
अमरावती/दि. 9– जिले के पिछले 5-7 साल की तलाक की आंकडेवारी परिवार व्यवस्था को अचंभित कर देने वाली है. 5 हजार से अधिक दंपति विभक्त हुए हैं. तलाक के कारण भी सनसनीखेज है. मोबाइल और सोशल मीडिया के कारण इन दंपतियों का तलाक हुआ है.
पारिवारिक, व्यक्तिगत कारणों से अनेक परिवार में विवाद होते हैं और मामला तलाक तक पहुंच जाता है. लेकिन अब मोबाइल फोन के कारण परिवार में दरार आने लगी है. शहर और तहसील कार्यक्षेत्र रहे अमरावती के परिवार न्यायालय में वर्ष 2023 में करीबन 400 तलाक हुए हैं. वर्ष 2023 में वैवाहिक अधिकार पुन: स्थापना करना, विवाह रद्द करना और तलाक आदि मामलो के 583 प्रकरणों का निपटारा किया गया. इसमें करीबन 400 तलाक के प्रकरणों का समावेश है. खावटी की मंजूरी और खावटी वसूली ऐसे 171 प्रकरण भी निपटाए गए हैं.
* आपसी सहमति से अनेक आवेदनों का निपटारा
गत वर्ष करीबन 400 प्रकरणों में तलाक मंजूर हुआ. इसमें 100 से अधिक आवेदन आपसी सहमति से निपटाए गए. विवाह के बाद करीबन 1 साल बाद ही आपसी सहमति से तलाक के लिए आवेदन करते आ सकता है.
* तलाक के लिए यह क्या कारण हुआ?
– पारिवारिक न्यायालय में दायर हुए तलाक के प्रकरण सोशल मीडिया अधिक इस्तेमाल का परिणाम है. फेसबुक, इंस्टाग्राम और यट्यूब पर लगातार सफिंग करने से पति-पत्नी के बीच विवाद निर्माण होते दिखाई देते हैं.
– देर रात तक मोबाइल पर चैट करना, साथ ही मोबाइल को पासवर्ड लगाने से अनेक बार संदेह निर्माण होने पर पति-पत्नी के बीच विवाद होते दिखाई देते हैं. इसका परिणाम पारिवारिक न्यायालय में तलाक के लिए केसेस दायर करने का प्रमाण बढा है.