लक्ष्मी पूजन के दिन पति ने किया पत्नी का पूजन
सत्यशोधक कार्यकर्ता की पहल, 16 वर्षों से परंपरा कायम
वाशिम- दि.26 मकान को घर बनाने वाली पत्नी को ही लक्ष्मी मानकर वाशिम जिले के सत्यशोधक कार्यकर्ता ने 24 अक्तूबर लक्ष्मीपूजन के दिन पत्नी का पूजन किया. आरती उतारकर पत्नी के दर्शन करते हुए साडी, चोली भेंट दी. पिछले 16 वर्षों से चला रहे परंपरा को उन्होंने आज भी कायम रखी.
दीपावली को दीपों की ज्योती से जीवन के रास्ते प्रकाशमान होेते है. इसी तरह वर्षभर घर में मेहनत करने वाली अर्धांगिनी पूरे परिवार को मां के जैसा आधार देती है. उसके त्याग का स्मरण के रुप में वाशिम जिले में दीपोत्सव के दिन अर्धांगिनी को सम्मान देकर मनोभाव से पूजन करने की परंपरा जिले के सत्यशोधक समाज कार्यकर्ता ने शुरु किया. महापुरुषों के आदर्श लेते हुए मकान को घर बनाने वाली पत्नी को लक्ष्मी मानकर लक्ष्मी पूजन के दिन पत्नी की पूजा की जाती है. इस अनोखे पत्नी पूजन के कार्यक्रम की सभी ओर प्रशंसा की जा रही है.
पत्नी पूजा करने की प्रथा जिले के सत्यशोधक कार्यकर्ता समेत मराठा सेवा संघ, संभाजी ब्रिगेड व अन्य सामाजिक कार्यकर्ता भी अपना रहे है. वाशिम जिले के भटउमरा निवासी सत्यशोधक समाज के जिला प्रचार प्रमुख पेंटर केशवराज काले पिछले 16 वर्षों से दीपावली के दिन पत्नी की साडी, चोरी देकर विधिवत पूजन करते है. उनकी यह परंपरा जिले के कई घरों तक पहुंच रही है. इस वर्ष भी दीपावली के दिन केशवराज काले ने उनकी पत्नी मैनाबाई की पूजा कर आरती उतारते हुए दर्शन लिये. इसके साथ ही सत्यशोधक समाज के जिलाध्यक्ष गजानन धामणे ने उनकी पत्नी मालती की पूजा की. जिला कोषाध्यक्ष गणेश शिंदे, तहसील अध्यक्ष चंद्रकांत उचितकर, संभाजी ब्रिगेड पार्टी के रिसोड तहसील अध्यक्ष गोपाल खडसे, स्कूल बचाव समिति के जिला कार्याध्यक्ष गजानन खंदारे, अजय सोनुलकर, शाहीर पंडितराव देशमुख समेत कई सत्यशोधक कार्यकर्ताओं ने पत्नी का पूजन किया.
सास ने किया बहु का पूजन
वाशिम शहर की सिंधुबाई सोनुने ने उनकी बहु रेखा सचिन सोनुने और पल्लवी प्रमोद सोनुने को विधिवत मंदिर में बिठाकर पूजन की और उनके बेटों ने भी दर्शन लिये.