अमरावती

कोरोना काल में पति हुए पत्नियों की प्रताडना का शिकार

भरोसा सेल में आयी 52 शिकायतें

  • समुपदेशन के बावजूद नहीं हो पाया सामंजस्य

अमरावती/दि.26 – इस समय जहां एक ओर ससुरालियों द्वारा विवाहित महिलाओं को प्रताडित किये जाने से संबंधित मामले बढ गये है, वहीं अब कम अधिक प्रमाण में पुरूषों के भी अपनी पत्नियों के हाथों प्रताडित होने के मामले लगातार सामने आ रहे है. कोविड संक्रमण काल के दौरान अमरावती शहर के करीब 52 पत्नी पीडितों ने पुलिस थाने में दौड लगाते हुए अपनी शिकायतें दर्ज करायी और इन दिनों पत्नी पीडित पुरूष पुलिस थाने के साथ-साथ भरोसा सेल में भी गुहार लगाते दिखाई दे रहे है. यह कोरोना काल के दौरान पैदा हुई चिंताजनक स्थिति है.

मानसिक प्रताडना के साथ मारपीट भी

– पुलिस में दर्ज शिकायतों के मुताबिक पत्नियों द्वारा अपने पति को मानसिक तौर पर प्रताडित करने के साथ-साथ उनके साथ मारपीट भी की जाती है.
– महिलाएं अपने मायकेवालों के सामने पति का जानबूझकर अपमान करती है और उनके साथ बेहद अपमानास्पद व्यवहार भी करती है. जिसकी वजह से उनके पतियों के सम्मान पर चोट पहुंचती है, ऐसा भी कई शिकायतों में कहा गया है.
– बच्चों के सामने बेहद निम्नस्तर का व्यवहार किया जाता है. जिसकी वजह से आत्महत्या करने का विचार भी आता है, लेकिन बच्चों की जिम्मेदारियों को देखते हुए इस विचार को झटकना पडता है. ऐसा भी कई पुरूषों ने अपनी शिकायतों में कहा है.

पुरूषों के अधिकारों हेतु कौन लडेगा

पत्नी द्वारा ताने मारे जाते है और प्रताडना की जाती है. ऐसी शिकायत लेकर जाने पर हमें अलग नजर से देखा जाता है और शिकायत दर्ज करने का आग्रह करने पर पहले समुपदेशन किया जाता है. साथ ही यह सलाह भी दी जाती है कि, पत्नी के खिलाफ दर्ज कराया जानेवाला मामला आगे चलकर अदालत में टिक नहीं पायेगा. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, आखिर पत्नी पीडित पुरूषों के कोई अधिकार हैं भी अथवा नहीं और उन अधिकारों के लिए आखिर कोई लडेगा भी अथवा नहीं.
– एक पत्नी पीडित पुरूष

कोविड काल में शिकायतें बढी

कोविड काल शुरू होने से पहले कई पुरूषों की अपनी पत्नियों को लेकर कुछ शिकायतें थी. किंतु ऐसी शिकायतें और मामले घर की चार दीवारी के भीतर ही रहा करते थे, लेकिन कोविड संक्रमण काल शुरू होने के बाद इसका परिणाम नौेकरी व रोजगार पर पडा तथा अधिकांश लोगों की आर्थिक स्थिती डांवाडोल हो गई. जिसकी वजह से पति-पत्नीयों के बीच वाद-विवाद बढने लगे. साथ ही साथ कई मामलों में पत्नियों का उग्र रूप भी दिखाई दिया.

आर्थिक किल्लत और अति सहवास

– कोविड संक्रमण काल शुरू होने के बाद कई लोगों की नौकरियां चली गई तथा व्यापार-व्यवसाय भी बंद हो गये. जिसके चलते कई परिवार आर्थिक दुरावस्था तक पहुंच गये और उन्हें अपनी छोटी-मोटी जरूरते पूरी करने के लिए भी पाई-पाई के लिए मोहताज होना पडा.
– एक ओर नौकरी और व्यवसाय चले गये. वहीं दूसरी ओर कडे लॉकडाउन की वजह से सभी लोग पूरा समय एक ही छत के नीचे रहने को मजबूर हो गये और अत्याधिक सहवास की वजह से भी कई दम्पत्तियों में अंतर्गत वाद-विवाद व कलह के मामले बढे.

डेढ वर्ष के दौरान मिली शिकायतें

2020 – 45
2021 – 07

Related Articles

Back to top button