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मुझे भी ताने सुनने मिले थे, लक्ष्य से न हटें ध्यान

कलेक्टर पवनीत कौर की युवतियों को सलाह

* महिला दिवस पर अमरावती मंडल से बोली
अमरावती/दि.8- लगभग 2 वर्षो से अमरावती के जिलाधीश के रुप में सफलता और प्रभावी रुप से कार्य कर रही पवनीत कौर ने महिला दिवस के मौके पर महिलाओं विशेषकर युवतियों से कहा कि, अभी भी वह दौर कायम है कि महिलाओं की अपनी अलग राह चुनने पर उन्हें बातें और कटाक्ष सुनने पडते हैं. मेरे साथ भी ऐसा हुआ था. निजी कंपनी का जॉब छोडकर यूपीएससी की परीक्षा का निर्णय किया तो, अनेक लोगों ने उन्हें परावृत्त करने का प्रयास किया था. जिसे दरकिनार कर उन्होंने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रीत किया और सफलता प्राप्त की. पवनीत कौर ने आज दोपहर अमरावती मंडल से अपने कक्ष में मुलाकात दौरान कहा कि, युवतियों को अपना लक्ष्य तय करने के बाद आत्मविश्वास से उसे प्राप्त करने के लिए जुट जाना चाहिए.
* पहली पोस्टिंग पालघर में
जिलाधीश पवनीत कौर 2014 बैच की आयएएस अधिकारी हैं. उन्हें पहली नियुक्ति आदिवासी बहुल पालघर जिले में मिली थी. वहां भी उन्होंने बढिया कार्य कर दिखाया. मराठी भाषा में प्रभावी वकृत्व करने में सिद्धहस्त पवनीत कौर को अगली अपॉइंमेंट औरंगाबाद जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया गया. उपरांत वे जुलाई 2021 से अमरावती की कलेक्टर के रुप में कार्यरत है. जिले के इतिहास में वे केवल तीसरी महिला अधिकारी है जो जिलाधीश बनी हैं. उनसे पहले मनीषा वर्मा तथा रिचा बागला ने यहां कलेक्टर के रुप में कार्य किया है.
* पालकमंत्री हैं फडणवीस
जिलाधीश पर अनेक दायित्व रहते हैं. विशेषकर डीपीसी की सचिव सहित अनेक पदों का कर्तव्य निभाना होता है. अमरावती के पालकमंत्री स्वयं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस होने से यहां कलेक्टर को अतिरिक्त जिम्मेदारियों का प्रभावी निर्वहन करना पडता हैं. पवनीत कौर वह सतत करते आ रही है. उसी प्रकार जिले में विविध दलों के राजनीतिज्ञों के साथ भी तालमेल रख जिलावासियों के लिए अपेक्षित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो रहा है.
* चुनौती है तो आत्मविश्वास भी है
जिलाधीश ने अमरावती की आधी आबादी को महिला दिवस की बधाई और शुभकामना देते हुए कहा कि, महिलाओं में असीम शक्ति होती है. उनके सामने पुरुष वर्ग के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर दिखाने की चुनौती है तो उनके पास आत्मविश्वास भी है. इसी सेल्फडिफेंस के बल पर महिलाएं कुछ कर दिखाएं तो बोलने वालों के मुंह आप ही बंद हो जाते हैं.
* समाज सुधार का लक्ष्य
कलेक्टर पवनीत कौर पुणे में इज्राइली कंपनी में जॉब कर रही थी. किंतु समाज सुधार का लक्ष्य लेकर उन्होंने आयएएस करने की ठानी. तुरंत अपना जॉब त्याग दिया. जिससे अनेक लोगों की बातों का भी उन्हें सामना करना पडा. ऐसे में अपने लक्ष्य से विचलित न होते हुए उन्होंने आयएएस की एक्जाम दी. पहले प्रयत्न में असफल रहने पर भी हार न मानी. आखिर दूसरे प्रयत्न में वे आयएएस उत्तीर्ण हो गई. चैलेंजेस का सामना करने में उन्हें मजा आता है. पालघर की चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी का उन्होंने आत्मविश्वास से निर्वहन किया. उपरांत उन्हें औरंगाबाद में पोस्टिंग मिली.
* समय का करे प्लानिंग
कलेक्टर पवनीत कौर के अनुसार लडकियां जीवन में काफी कुछ हासिल कर सकती है. इसके वास्ते उन्हें समय का योजनाबद्ध तरीके से उपयोग करना पडेगा. प्लानिंग कर ले तो यह बहुत मश्किल बात नहीं है. उसी प्रकार महिला दिवस पर उन्होंने यह संदेश भी देना चाहा कि, लोगों की बातों से अपने लक्ष्य न डिगे, उसे हासिल करने के लिए सतत मेहनत व प्रयत्न जारी रखे. सफलता मिलते ही बोलने वाले चुप हो जाते हैं. बल्कि वे आपके प्रशंसक बन जाते हैं.
* आज तो अवसर ही अवसर
आज समानता का दौर चल रहा है. दुनियाभर में कुछ अपवाद छोड दे तो मौके ही मौके है. पुरुष वर्ग भी कहीं न कहीं समझ गया है कि महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है. ऐसे ही अनेकानेक कारणों से आज की लडकी का आत्मविश्वास भी बढा है. जिससे वह विविध क्षेत्र फौज, कॉर्पोरेट, उद्यम में अपनी छाप छोड सकती हैं. भारतीय सेना में भी महिलाओं को अफसर बनकर सीधे मोर्चे पर तैनात किए जाने के अवसर अब मिल रहे हैं. लडकियों को चाहिए कि वह उन्हें प्राप्त मौको को कैच करे और अपना प्रभाव छोडे. पुरानी दकियानूसी विचारधारा दरकिनार कर विश्वास से लबालब होकर कार्य करे तो मंजिलें लडकियों के कदम चूमने तैयार खडी है.

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