अमरावतीविदर्भ

मैं कोरोना पॉजीटिव हूं, मुझे मंत्रीजी से मिलना है

स्वास्थ्य मंत्री के दौरे में कोरोना संक्रमित का हंगामा

  • जिलाधीश कार्यालय में मचा हडकंप

  • पुलिस ने पीपीई कीट पहनकर मरीज को लिया कब्जे में

अमरावती/दि.२६ – गत रोज राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे अमरावती जिले में स्वास्थ्य संबंधी हालात का जायजा लेने हेतु एक दिवसीय दौरे पर अमरावती पहुंचे. जहां जिलाधीश कार्यालय में आयोजीत समीक्षा बैठक में हिस्सा लेने के साथ ही वे देर शाम एक पत्रकार परिषद को भी संबोधित करनेवाले थे. इसी समय एक व्यक्ति अचानक जिलाधीश कार्यालय के भीडभाडभरे माहोल में उपस्थित हुआ और उसने चिल्लाना शुरू किया कि, वह कोरोना पॉजीटिव मरीज है और उसे सुपर स्पेशालीटी अस्पताल में एडमिट नहीं किया जा रहा. स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के बीच एक व्यक्ति द्वारा अचानक इस तरह से खुद को कोरोना पॉजीटिव बताने और स्वास्थ्य मंत्री से मिलने की जिद किये जाने की वजह से जिलाधीश कार्यालय में जबर्दस्त हडकंप मच गया और कुछ देर के लिए अफरातफरीवाला माहोल रहा. जिसे संभलने के लिए पुलिस महकमे को काफी जद्दोजहद भी करनी पडी और ऐन समय पर पीपीई कीट पहनकर कुछ आरोग्य रक्षकों व पुलिस कर्मियों को मौके पर बुलवाया गया. जिन्होंने इस हंगामेबाज कोरोना पॉजीटिव मरीज पर काबू पाते हुए उसे एम्बुलन्स वाहन में बिठाकर जिलाधीश कार्यालय से रवाना किया.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक बीती शाम जिलाधीश कार्यालय में बुलायी गयी समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने जिले के कोरोना एवं स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित हालात का जायजा लिया और शाम ७ बजे के आसपास जिलाधीश कार्यालय के सभागार में वे एक पत्रकार परिषद को संबोधित करनेवाले थे, जिसके चलते इस सभागार में बडी संख्या में प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधी उपस्थित थे. ठीक इसी समय एक व्यक्ति वहां पर पहुंचा और उसने कहा कि, वह कोरोना संक्रमित मरीज है. उसे सुपर स्पेशालीटी अस्पताल में एडमिट नहीं किया जा रहा, उसने इसकी जानकारी जिलाधीश को इस बारे में मैसेज भेजकर सूचित किया. साथ ही जिला शल्य चिकित्सक को भी फोन लगाया, लेकिन सीएस उसका फोन नहीं उठा रहे. अत: वह स्वास्थ्य मंत्री से मिलना चाहता है. अपने बीच एक कोरोना संक्रमित मरीज को पाकर कुछ देर के लिए सभी को होश फाक्ता हो गये और सभागार में माहोल अफरातफरीवाला रहा. पश्चात मामले की सूचना मिलते ही जिलाधीश कार्यालय में बंदोबस्त पर तैनात पुलिसवालों ने इस कोरोना पॉजीटिव मरीज को तुरंत घेर लिया और उसे जैसे-तैसे सभागृह के बाहर लाया गया. लेकिन वह व्यक्ति लगातार स्वास्थ्य मंत्री से मिलने की जिद पर अडा रहा. इसी दौरान गाडगेनगर के थानेदार मनीष ठाकरे ने इस कोरोना संक्रमित मरीज के आसपास कडा पुलिस बंदोबस्त लगाया और अपने कुछ कर्मचारियों को आरोग्य रक्षकोें के साथ पीपीई कीट पहनकर आने कहा. जिनके यहां पहुंचने के बाद इस कोरोना संक्रमित मरीज को एम्बुलन्स में बिठाकर अस्पताल हेतु रवाना किया गया. इसी दौरान जिलाधीश कार्यालय के सभागार में स्वास्थ्य मंत्री की पत्रकार परिषद भी हो गयी और वे अपने निर्धारित दौरे के तहत अपने अगले गंतव्य के लिए रवाना भी हो गये. जिसके बाद सभी ने राहत की सांस ली.

आखिर कलेक्ट्रेट में कैसे पहुंचा कोरोना पॉजीटिव

यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, किसी भी व्यक्ति का थ्रोट स्वैब सैम्पल लेने के बाद रिपोर्ट आने से पहले उसे अस्पताल या घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जाती. साथ ही रिपोर्ट के पॉजीटिव आने पर संबंधित व्यक्ति को तुरंत ही सरकारी अथवा निजी कोविड अस्पताल में भरती कराया जाता है. ऐसे में सर्वाधिक आश्चर्य इस बात को लेकर है कि, अपने सहित अपनी मां की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटिव आनेवाला यह शख्स शहर में खुलेआम घुमते हुए बेधडक तरीके से जिलाधीश कार्यालय में कैसे पहुंचा और उसे अस्पताल से कैसे जाने दिया गया. इस व्यक्ति ने मौके पर उपस्थित मीडिया कर्मियों को बताया कि, वह अपनी मां के साथ सुपर स्पेशालीटी अस्पताल में थ्रोट स्वैब सैम्पल देने हेतु गया था. लेकिन वहां पर केवल २ बजे तक ही थ्रोट स्वैब सैम्पल लिये जाते है. जिसके चलते उसे वहां से वापिस भेज दिया गया. इस बात की शिकायत उसने जिलाधीश से भी की थी. जिसका कोई फायदा नहीं हुआ. पश्चात उसने एक निजी अस्पताल में अपनी व अपनी मां की कोरोना टेस्ट करवायी. जिसकी रिपोर्ट पॉजीटिव आयी. इसके बाद वह सुपर स्पेशालीटी अस्पताल में भरती होने हेतु पहुंचा, लेकिन उसे वहां पर भरती भी नहीं किया गया. ऐसे में वह खुद को कोविड अस्पताल में भरती कराये जाने की मांग को लेकर स्वास्थ्य मंत्री से मिलना चाहता था.

कौन है वह संक्रमित मरीज

मिली जानकारी के मुताबिक बीती शाम स्वास्थ्य मंत्री से मिलने की मांग को लेकर जिलाधीश कार्यालय में पहुंचनेवाला यह व्यक्ति राष्ट्रीय स्तर के एक राजनीतिक दल का पदाधिकारी है और अमरावती विधानसभा का चुनाव भी उस दल के अधिकृत प्रत्याशी के तौर पर लड चुका है. चपरासीपुरा (कैम्प) परिसर में रहनेवाला यह व्यक्ति इससे पहले भी प्रशासन के खिलाफ अपने कई आंदोलनों की वजह से चर्चा में रह चुका है और इस बार इस व्यक्ति ने कोरोना को लेकर जारी हालात की ओर सरकार एवं प्रशासन का ध्यान दिलाने हेतु यह कदम उठाया. जिसमें उसने अपनी व अपनी मां की कोविड पॉजीटिव टेस्ट रिपोर्ट दिखाते हुए कहा कि, इस बार वह खुद प्रशासनिक अनदेखी का शिकार और भूक्तभोगी है.

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