अमरावती

राज्यमंत्री हूं, अन्यथा अंदर आकर मारता!

राज्यमंत्री बच्चू कडू की कुलसचिव डॉ. देशमुख को ललकार

अमरावती/दि.8– मैं इस समय राज्यमंत्री हूं और संवैधानिक पद पर रहने की वजह से कुछ मर्यादाएं है, तो गनीमत मना लो, अन्यथा मैं तुम्हें तुम्हारे कक्ष के भीतर आकर मारता. इस आशय के खडे बोल कल अपने तेज-तर्रार तेवरों के लिए विख्यात राज्यमंत्री बच्चु कडू ने संगाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलसचिव डॉ. देशमुख को सुनाये.
बता दें कि, अकोला जिले के बालापुर स्थित कला, वाणिज्य व विज्ञान महाविद्यालय में गडबडियां होने का आरोप खुद महाविद्यालय के संचालक मंडल द्वारा लगाया गया. साथ ही इसकी जानकारी विद्यापीठ को भी दी. किंतु इस संदर्भ में विद्यापीठ द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किये जाने के चलते संचालक मंडल के कुछ सदस्यों ने संगाबा अमरावती विद्यापीठ के समक्ष अनशन करना शुरू कर दिया है. ऐसे में गत रोज संगाबा अमरावती विवि के समक्ष बनाये गये अनशन स्थल को राज्यमंत्री बच्चु कडू द्वारा भेंट दी गई. यहां पर अनशनकारी संचालकों से पूरे मामले की जानकारी हासिल करने के बाद राज्यमंत्री बच्चु कडू ने तुरंत ही कुलसचिव डॉ. देशमुख से फोन पर बातचीत की और इस मामले में विद्यापीठ पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि, यदि आज वे राज्यमंत्री पद की मर्यादा से नहीं बंधे होते, तो विद्यापीठ के भीतर आकर उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों की प्रहार स्टाईल में कुटाई व ठुकाई की होती. इस मामले को लेकर पता चला है कि, अकोला जिले की पंचशील टीचर्स सोसायटी अंतर्गत बालापुर में कला, वाणिज्य व विज्ञान महाविद्यालय का संचालन किया जाता है और इस संस्था के संचालक मंडल द्वारा महाविद्यालय में प्रशासक नियुक्त किये जाने की मांग को लेकर अनशन शुरू किया गया है. इन संचालकोें का कहना है कि, वर्ष 1987 से 17 सितंबर 2020 तक संस्था के किसी भी पदाधिकारी को विश्वास में लिये बिना दिवंगत हरिभाउ फुंडकर व उनके पुत्र धैर्यवर्धन फुंडकर द्वारा गैरकानूनी तरीके से संस्था में निर्णय लिये जा रहे है और धैर्यवर्धन फुंडकर ने संस्था का सचिव नहीं रहने के बावजूद भी फर्जी सचिव के तौर पर झूठे प्रस्ताव पारित किये. जिसके खिलाफ संचालक मंडल द्वारा अनेकों बार विद्यापीठ के समक्ष शिकायत दर्ज करायी गई. किंतु विद्यापीठ द्वारा अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके चलते अब संचालक मंडल के सदस्यों द्वारा विद्यापीठ के समक्ष अनशन करना शुरू किया गया है. जिसकी जानकारी मिलने पर राज्यमंत्री बच्चु कडू अनशन स्थल को भेंट देने के लिए पहुंचे. जहां पर विद्यापीठ की लापरवाही से अवगत होने के बाद उन्होंने विद्यापीठ प्रशासन को जमकर आडे हाथ लिया.

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