अमरावती

मुझे अब नहीं जीना

मानसिक रोगी को रस्सी से बांधकर लाया अस्पताल

  • युवक की हरकत को देखकर स्टॉप के लोग भी कतराने लगे

अमरावती/दि. १२ – एक युवक पर पागलपन इस कदर सवार हुआ कि उसे मजबूरी में कैदियों की तरह रस्सी से बांधकर जिला अस्पताल लाया गया. मगर वह जोरजोर से यह चिल्लाते रहा का मुझे जीने का शौक नहीं मैं मरना चाहता हूं. इस तरह की हरकतों को देखकर अस्पताल में उपस्थित डॉक्टर, नर्स समेत स्टॉप के लोग भी कतराते नजर आये. कडी मेहनत के बाद उस मानसिक बीमार युवक पर काबू पाया गया.
जानकारी के अनुसार वल्लभ नगर निवासी मानसिक बीमार युवक २७ वर्ष का है. उसने १२वीं कक्षा तक पढाई करने के बाद निजी तौर पर काम भी किया है, मगर तीन वर्ष पहले मानसिक रुप से टूट गया था. उसकी मानसिक स्थिति खराब हो जाने के कारण परिजनों ने उसे नागपुर के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया था. कुछ वर्ष तक उपचार होने के बाद उसकी हालत में लगभग पूरी तरह से सुधार आया था. एक सप्ताह पूर्व परिजनों से संपर्क कर उसे ठीक हो जाने की जानकारी दी गई और उसे वापस ले जाने का कहा गया तब परिजनों ने तत्काल नागपुर जाकर डिस्चार्ज कराने के बाद वापस अमरावती लाया, लेकिन दो दिन पहले उसकी हालत फिर से पहले जैसे हो गई और अकेले में वह बडबडाने लगा. घर में अजीबों गरीब हरकतें करता था, जब उसकी हरकते हद से ज्यादा बढ गई तब मां को भी उसे संभालना मुश्किल हो गया था. परिजन उसके पास जाने से कतराने लगे. इतना ही नहीं तो वह युवक दो दिन तक सोया तक नहीं. मुश्किलें बढने लगी, यह देखकर आसपडोस के लोगों ने उस युवक को कैदी की तरह रस्सी से बांधकर बुधवार की दोपहर जिला अस्पताल लाया. मगर अस्पताल में भी उसकी चिखपुकार और हंगामें को देखकर दहशत का माहौल निर्माण हो गया था. जैसे तैसे भर्ती करने के बाद उसपर इलाज शुरु किया. कुछ देर बाद युवक पर काबु पाया गया. इर्विन अस्पताल ले जाने के बाद डॉक्टरों ने तत्काल संबंधित मानसिक रोग तज्ञों को वहां बुलाया था, फिलहाल स्थिति सामान्य है.

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