अमरावतीविदर्भ

अमरावतीवासियों से मिला जबर्दस्त प्रेम व सहयोग

निवर्तमान पुलिस आयुक्त संजय बावीस्कर का कथन

अमरावती/दि.४ – विदर्भ की सांस्कृतिक राजधानी कही जानेवाली अमरावती के नागरिक काफी सुज्ञ व समझदार है तथा वे अपनी सांस्कृतिक विरासतों को संभालने के प्रति बेहद जागरूक है. विगत दो वर्ष के कार्यकाल में अमरावती वासियों की ओर से भरपुर प्यार व सहयोग मिला. इस आशय का प्रतिपादन अमरावती के निवर्तमान शहर पुलिस आयुक्त संजय बावीस्कर ने किया है.

बता दें कि, ४ अगस्त २०१८ को संजय बावीस्कर ने अमरावती शहर पुलिस आयुक्त के रूप में अपना पदभार संभाला था और हाल ही में उनका अमरावती से तबादला हुआ है. अमरावती से अपना पदभार छोडने से पहले वे गुरूवार को अपने कार्यालय में स्थानीय मीडिया के साथ बातचीत करते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे थे. उन्होंने कहा कि, विगत दो वर्षों के दौरान उन्हें हमेशा ही स्थानीय नागरिकों का भरपुर सहयोग मिला. साथ ही पुलिस दल के प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी ने पूरी मुस्तैदी के साथ अपना कर्तव्य निभाया. जिसकी वजह से लोकसभा व विधानसभा के चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो पाये. साथ ही उन्होंने कहा कि, विगत दो वर्षों का कार्यकाल बेहद व्यस्त व व्यग्र था. वहीं नियमित पुलिसिंग के साथ ही विगत पांच माह से कोरोना की वजह से उपजे हालात पुलिस के लिहाज से बेहद चुनौतीपूर्ण थे. कोरोना काल के दौरान सेवा देते समय एक महिला पुलिस कर्मचारी शहीद हुई. वहीें ४० से ५० पुलिस कर्मचारी व ६ अधिकारी कोरोना संक्रमित हुए. जिसमें से अधिकांश ने कोरोना पर मात दी और वे अपने काम पर लौटे. इन्हीं दो वर्षों के दौरान गाडगेनगर व भातकुली पुलिस थाना की नई इमारतों का प्रस्ताव भेजा गया. साथ ही पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के निवासस्थानोें हेतु इमारतों का निर्माण भी जल्द शुरू होगा. इस बातचीत के दौरान निवर्तमान पुलिस आयुक्त संजय बावीस्कर ने कहा कि, वे इन दो वर्षों तक अमरावती शहर पुलिस दल का पालकत्व पूरी जिम्मेदारी के साथ निभा सके. उन्हें इसका अभिमान है.

लॉकडाउन काल के दौरान विद्यार्थियों को की गई सहायता समाधानकारक

अमरावती में कार्यरत रहने के दौरान विगत दो वर्षों में कई अच्छे व सुखद प्रसंग घटित हुए. लॉकडाउन के समय यहां के शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय में अरूणाचल प्रदेश के ६ विद्यार्थी रह रहे थे. जिनके पास वापिस जाने के लिए पैसे नहीं थे. इन विद्यार्थियों ने यह जानकारी अरूणाचल प्रदेश सरकार तक पहुंचायी और अरूणाचल प्रदेश के एक अधिकारी ने तुरंत उनसे संपर्क कर इन विद्यार्थियों की मदद करने का निवेदन किया. जिसके बाद मात्र पंद्रह मिनट के भीतर उन्होंने इन विद्यार्थियों को आवश्यक मदद देने के साथ ही उन्हें उनके गृह राज्य भेजने हेतु आवश्यक सहयोग किया. जिसका उन्हें निश्चित तौर पर सुखद समाधान है.

Related Articles

Back to top button