अमरावती

मेरा जीवन में राजनीति और समाजनीति से गहरा संबंध रहा

दिलीपबाबू इंगोले का प्रतिपादन

अमरावती/ दि.23 – मेरा जीवन में राजनीति और समाजनीति से गहरा संबंध रहा, लेकिन मैंने इन दोनो में से समाजनीति को महत्व देकर शिवाजी शिक्षण संस्था के प्रति समर्पित भाव के साथ लोगों में समन्वय बनाकर संस्था के विकास पर लक्ष्य केंद्रीत किया. जिसके कारण मेरे लिए राजनीति क्षेत्र हमेशा ही दुय्यम रहा है. ना तो मैंने इस क्षेत्र में खासी रुची दिखाई और ना ही कभी अपने लिए कुछ मांगा. हमेशा कोशिश करता रहा हूं कि, दूसरो को कुछ अच्छा मिलता रहे. पिता के दिखाए मार्ग पर चलते हुए मैंने जीवन के 71 सालों का सफल तय किया है. जिसमेें मेरे परिवार के साथ संस्था के इस परिवार ने भी मुझे भरपूर सहयोग दिया जिसके लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं ऐसा प्रतिपादन शिवाजी शिक्षण संस्था के कोषाध्यक्ष दिलीपबाबू इंगोले ने व्यक्त किया.
दिलीपबाबू इंगोले स्थानीय शिवाजी नगर स्थित विमलाबाई देशमुख सभागृह में शुक्रवार की शाम शिवाजी शिक्षण संस्था व्दारा आयोजित उनके अभिष्ट चिंतन समारोह में सत्कार मूर्ति के तौर पर बोल रहे थे. श्री शिवाजी शिक्षण संस्था अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख की अध्यक्षता में सत्कार मूर्ति दिलीपबाबू इंगोले की धर्मपत्नी प्रेरणा इंगोले, पुत्र अक्षय इंगोले, पालकमंत्री यशोमति ठाकुर, विधायक सुलभा खोडके, पूर्व पालमंत्री डॉ. सुनील देशमुख, संस्था के वरिष्ठ सदस्य दादा साहब चौंखंडे, पदाधिकारी नरेशचंद्र ठाकरे, रामचंद्र शेलके, एड. गजानन पुंडकर, प्रा. केशवराव गावंडे, केशवराव मेतकर, शेषराव खाडे, महेंद्र ढोरे, नरेशचंद्र पाटिल, प्रा. अमोल महल्ले, नागरी सत्कार समिति के सदस्य हेमंत कालमेघ, विनायक पुंडकर, रमेश सोलंके, अशोक देशमुख, अशोक गावंडे, रमेश किटूकले, प्रतीक खुरद उपस्थित थे.
कार्यक्रम अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने कहा कि, एक दूसरे के साथ समन्वय बनाकर हम दोनो ने कार्य किया है. दिलीपबाबू इंगोले मुझ से दो माह बडे है लेकिन उम्र और अनुभव का बडप्पन उन्होंने त्यागकर मुझे संस्था के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने का मौका दिया जिसके लिए मैं उनका आभारी हूं. पाकलमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि दिलीपबाबू इंगोले मेरे लिए पिता के समान है. वहीं सुलभा खोडके ने कहा कि वर्तमान में प्रभू श्रीराम तथा संकटमोचन हनुमान के नाम पर जिस प्रकार की राजनीति खेली जा रही है वह घातक है. डॉ. सुनील देशमुख ने कहा कि अभिनेता दिलीप कुमार की तरह दिलीपबाबू सदाबाहार व्यक्तित्व है. वें हमेशा ही दोस्ती निभाने का काम करते है. संकट के दौर में वे हमेशा ही मेरे साथ रहे.
कार्यक्रम की प्रस्तावना नागरी सत्कार समिति के अध्यक्ष हेमंत कालमेघ ने रखी. इस अवसर पर दिलीपबाबू इंगोले पर तैयार की गई लघु फिल्म का प्रस्तुतीकरण किया गया. किर्ती कालमेघ व्दारा सम्मानपत्र का पठन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. पंजाबराव देशमुख की प्रतिमा के पूजन तथा दीप प्रज्वलन से की गई. जी.डी. पाटिल सांगलुदकर महाविद्यालय की ओर से प्रा. सुरेंद्र सेजे, प्रा. राजेश उमाले व्दारा लिखित व संगीतबद्ध स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया. कार्यक्रम में नागरी सत्कार समिति की ओर से दिलीपबाबू इंगोले का शाल श्रीफल, पुष्पगुच्छ व सम्मानचिन्ह देकर सत्कार किया गया. संचालन मंदा नांदूरकर ने तथा आभार विनायक पुंडकर ने माना. राष्ट्रवंदना से कार्यक्रम का समापन किया गया. इस अवसर पर बडी संख्या में शहर के गणमान्य नागरिकों ने उपस्थित रहकर दिलीपबाबू इंगोले को अभिष्ठ चिंतन समारोह में शुभकामनाएं दी.

Related Articles

Back to top button