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50 बरस से यहां हूं, एजेंट भी उधार दे जाता है

नंदा सेवरे ने किया दोनों बेटियों का ब्याह

* अमरावती मंडल सडक किनारे जिन्दगी
अमरावती/ दि. 11 – गांधी चौक के एक कॉर्नर पर गत 5 दशकों से जूते चप्पल, पॉलिश, सिलाई कर अपने परिवार का गुजर बसर कर रही नंदा सेवरे कहती है कि यह पूरा चौराहा और यहां आने जानेवाले लगभग सभी को वे और वे उन्हें पहचानते हैं. उनके रोख टोक व्यवहार को सभी जानते हैं. उतना ही पैसे का लेन देन भी वे क्लीयर रखती है. जिसके कारण जूते के इनर्स, धागे और अन्य मटेरियल एजेंट लोग उन्हें उधार कर दे जाते हैं.

* दोनों बेटियां सूरत में
उनकी पौत्री आरती अब कॉलेज में पढती है. अपनी दोनों बेटियों रेखा और पूनम का विवाह उन्होंने सडक किनारे अपने इस व्यवसाय से ही संपन्न करवाए है. दोनों पुत्रियां सूरत में है. अपने घर परिवार में खुश है.

* औरंगपुरा में निवास
खुद नंदा सेवरे पढी लिखी नहीं है. किंतु अपने औरंगपुरा स्थित निवास से सबेरे ही ठीक 8 बजे अपनी दुकान के लिए निकल जाती है. गांधी चौक पहुंचकर अपना ठिया सजाती है. सर्दी गर्मी या बरसात उन्हें नित्य क्रम से रोक नहीं पाती. वर्षो से स्थान पर जूते चप्पलों की मरम्मत, पॉलिश करने के साथ करीने से अपना काम करने के कारण अनेक ग्राहक नित्य रूप से उन्हीं के पास पॉलिश वगैरह करवाते हैं.

* 100- 200 की मजदूरी
नंदा सेवरे कहती है कि उनका रोज 100-150 रूपए का काम होता है. कभी- कभी अधिक तो कभी कम. कोरोना महामारी दौरान जरूर दिक्कतवाले दिन रहे. अब ऐसा नहीं है. बल्कि दृढ प्रतिज्ञ नंदा सेवरे बुरे दिन भूलकर रोज नई आशा, नई उम्मीद से काम करने में विश्वास रखती है. वे कहती है कि मौसम भी एक समान नहीं रहते तो जीवन कैसे एक जैसा रहेगा. नंदा सेवरे आज 60-70 बरस की हो गई है. उम्र का पक्का आंकडा उन्हे याद नहीं. किंतु सडक किनारे अपना व्यवसाय कर वे लेना चाहे तो कुछ लोगों के लिए प्रेरणास्पद अवश्य हैं.

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