अमरावतीमहाराष्ट्र

दोनों पुत्रों को पढाना है, आगे बढाना है

नीता इंगले का जीवन संघर्ष

* कैम्प में कोर्ट के पास चाट सेंटर
अमरावती/दि.31– जिला सत्र न्यायालय के पास पेड की छांव में सडक किनारे खोमचा लगाकर चाट सेंटर चला रही नीता इंगले का जीवन संघर्ष सुनकर कोई भी द्रवित हो सकता है. नीता प्रेरणास्पद भी है कि अपने दोनों पुत्र दिव्यांश और मयंक को शिक्षित करने के लिए वह संघर्ष कर रही है. नीता इंगले न केवल यह चाट सेंटर चलाती हैै.बल्कि उन्होने जीवन बीमा निगम का भी अभिकर्ता का पेशा अपना रखा है. वह लोगों का बीमा भी करती है. अपने माता-पिता की 7 संतानों में सबसे छोटी नीता जीवन में आए उतार चढाव को मजबूती से पेश आ रही है .

* कोरोना में खोया पति
नीता इंगले ने बताया कि कोराना महामारी दौरान उनके यजमान की मृत्यु हो गई. कुछ समय बीताने के बाद गत जनवरी माह से उन्होंने मनपा आयुक्त के बंगले के ठीक सामने अपना चाट सेंटर शुरू किया. वहां भेल, पानी पूरी, कच्चा चिवडा, आलू पोंगे आदि की विक्री करती है. धीरे- धीरे ग्राहकी जम रही है. नीता इंगले ने बताया कि वे तपोवन में रहती है. एलआयसी एजेंट भी हैं. मिले वैसा काम करती है.

* खूब मेहनत करती है
नीता इंगले के अनुसार चाट का ठेला लगाने के लिए भी बहुत परिश्रम करना पडता है. सुबह से तैयारी करने के बाद 11 बजे वे ठेला सजाने पहुंचती है. यहां भी प्याज वगैरह समय पर काटने पडते हैं. धूप आदि में खराब न हो, इसका ध्यान रखना पडता है. अमरावती मंडल से बातचीत दौरान भी वे नये लाए सांचे से प्याज काट रही थी. रात 8 बजे तक वे ठेला चलाती है. ग्राहक आते है. पसंद कर रहे हैं. घर में उनके माता-पिता सुदाम और प्रभा खंडारे है. नीता इंगले के दो भाई और चार बहने हैं. उनके पुत्र दिव्यांश आठवीं कक्षा में और मयंक पांचवी कक्षा में पढ रहे हैं. दोनों बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने का उनका मानस है. गुणवंत बाबा की भक्त नीता इंगले ने अपने ठेले पर भी यह नाम श्रध्दा से अंकित करवाया है.

Related Articles

Back to top button