अमरावती/दि.25– समीपस्थ सिरजगांव निवासी पुष्पा हटवार नामक महिला ने यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में आरोप लगाया कि, उसे दहेज की मांग को लेकर उसके ससुरालियों द्वारा करीब 13 वर्ष पहले घर से मारपीट करते हुए निकाल दिया गया था. जबकि उस समय वह गर्भवती थी. पश्चात उसने अपने मायके में रहते हुए एक बच्ची को जन्म दिया, जो आज कक्षा 9 वीं में पढ रही है और वह अपने अकेले के दम पर अपनी बच्ची का पालन-पोषण व पढाई-लिखाई का खर्च उठा रही है. किंतु उसे अपनी बच्ची के शैक्षणिक कामों के लिए पिता व दादा की टीसी, कोतवाल बुक की नकल, आय प्रमाणपत्र, आधारकार्ड व राशनकार्ड की जरूरत है. लेकिन उसके ससुरालियों द्वारा उसे ये दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं कराये जा रहे. ऐसे में उसकी बच्ची का भविष्य खतरे में पड सकता है.
स्थानीय जिला मराठी पत्रकार संघ के वालकट कंपाउंड परिसर स्थित मराठी पत्रकार भवन में बुलाई गई पत्रवार्ता में पूजा हटवार ने बताया कि, 26 फरवरी 2007 को उसका और गजानन हटवार का विवाह हुआ था. किंतु पति व ससुरालियों ने मायके से 25 हजार रूपये लाने का तगादा किया और पैसे लाकर देने के बाद भी उसे मारपीट कर घर से भगा दिया. जबकि वह उस समय गर्भवती थी और उसने अपने मायके में रहते हुए एक बच्ची को जन्म दिया. वहीं इस दौरान शिराला निवासी उसके पति गजानन हटवार ने उसे बिना तलाक दिये दुसरी शादी कर ली. जिससे उसके पति को दो बेटे भी हुए. इसके साथ ही गजानन हटवार ने अपने राशन कार्ड से उसका व उसकी बेटी का नाम भी कटवा दिया. इन तमाम बातों की शिकायत करने हेतु वह 23 दिसंबर 2021 को जिलाधीश पवनीत कौर के पास पहुंची. उसे उम्मीद थी कि, एक महिला होने के नाते जिलाधीश पवनीत कौर उसकी व्यथा को समझेगे. किंतु यहां पर भी उसे नाउम्मीदी का सामना करना पडा. ऐसे में अब उसने जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर से इस मामले में इन्साफ मिलने हेतु गुहार लगायी है.