मुझे खुशी मिली इतनी कि गगन में न समाए
दत्तक पुत्री के विवाह पर सामाजसेवी संतोष माहात्मे की प्रतिक्रिया

अमरावती/दि.12– नयनों मे सदा बस रहेगा स्वाति का विवाह समारेह, जिस बच्ची को हमने गोद लिया था, उसके इलाज का खर्च उठाने में असमर्थ माता-पिता का ढांढस बंधाया तथा नन्हीं रीना उर्फ स्वति को गोद लेने का फैसला लिया और उसे पढा लिखाकर समाज की मुख्य धारा में लाया, आज मेरी नंन्ही परी का विवाह था, विवाह में आए लोगों तथा स्वाति को चाहने वालोें ने जिस तरह से उसके सुखद वैवहिक जीवन के लिए शुभकामनाएं दि.उसे देखकर मन भर आया, ऐसी प्रतिक्रिया संतोष महात्मे ने अपनी दत्तक पुत्री के विवाह समारोह मे व्यक्त की. उन्होने कहा कि इस विवाह समारोह में जो लोग भी शामिल हुए उनका मैं तह दिल से आभार व्यक्त करता हूं. संतोष महात्मे ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि मुझे खुशी मिली इतनी की गगन में ना समाए. दो दशक पहले वाठोडा शुक्लेश्वर जैसे छोटे से गांव में बहुत ही गरीब जीवन जिनेवाल गौठिया परिवार में एक बच्ची सभी के लिए परी जैसे ही थी. इस बच्ची को रीना नाम दिया गया. बाद मे यह स्वाति बन गई.
स्वाति का विवाह 11 मई को सुबह वाठोडा शुक्लेश्वर के मंगल कार्यलय मे 11.30 बजे संपन्न हुआ. आर्थिक स्थिति खराब रहने से रीना का इलाज करवाने में उसके माता-पिता असमथ थे एैेसे मे समाजसेवी संतोष महात्मे ने रीना के परिवार की और साहयता का हाथ बढाया ओर रीना के इलाज के साथ उसके 12वी कि शिक्षा का भी खर्च उठाया. माहात्मे परिवार की मदत मिलने से रीना को दुसरा जीवन मिला है.आज रीना गौठिया परिवार के साथ माहात्मे परिवार के भी बेटी बन गई थी. उसके विवाह में दोनों परिवार के लोग शामिल हुए. और उसके विवाह को एक आदर्श विवाह बना दिया. एैसा उसकी मां मीना गौठिया ने कहा.
जिप के पुर्व उपाध्यक्ष संतोष माहात्मे की मदत से रीना ने 12 वी तक की शिक्षापुर्ण कि एैसे मे अचलपुर के एक युवक ने उससे विवाह करने का प्रस्ताव रखा उस युवक के प्रस्ताव पर महात्मे और गौठिया दोनो परिवारो के बीच विचार – विमर्श उसके बाद दोनो ही परिवार द्बारा विवाह के लिए स्विकृति दि गई. रीना के माता-पिता ने संतोष महात्मे से रीना का कन्यादान करने का आग्रह किया जिसमे संतोष माहात्मे व उनकी पत्नी शुभांगी ने रीना का कन्यादान किया. इस विवाह समारोह मे पुर्व लेडी गर्वनर डॉ. कमलताई गवई के साथ पुर्व जिप अध्यक्षा सुरेखा ठाकरे ने अपनी उपस्तिति दर्ज कराई इस आदर्श विवाह को सफल बनाने रवि बुरघाटे, पुष्कर निमकर, राजेंद्र बोडखे, बालासाहेब साखरे, मदन साखरे, जावेद पठान, शकील अंसारी, श्याम चाहाकार, राजेश बरवे, निलेश मोपारी, सोमेश्वर गावंडे, एजाज अली, अनिस हातम के साथ-साथ वाठोडा शुक्लेश्वर ग्रामवासीयो ने अथक प्रायस किए.