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मैं दस बजे आ जाऊंगी, अधीनस्थ भी समय पर आएं

जिला परिषद की नई सीईओ संजीता मोहपात्रा का कहना

* पूर्ववती अफसरान की योजनाएं परिपूर्ण करना भी आवश्यक
अमरावती/दि.5- मिनी मंत्रालय में आज से महिलाराज आ गया, जब मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रुप में 2020 बैच की आयएएस संजीता विश्वरंजन मोहपात्रा ने पदभार ग्रहण कर लिया. पश्चात संपूर्ण विभागों का विहंगालोकन उन्होंने किया. इसके तुरंत बाद उन्होंने अमरावती मंडल के लक्ष्मीकांत खंडेलवाल से बातचीत की. स्पष्ट कर दिया कि वे 10 बजे कार्यालय में पहुंच जाएंगी. अपना कार्य आरंभ कर देंगी. चाहेगी कि अधीनस्थ भी समय पर काम पर आ जाए. अपनी जिम्मेदारी भली प्रकार निभाएं. उन्होंने बहुत ही स्पष्ट कहा कि गांव-देहात से लोग आते हैं, उन्हें नाहक चक्कर न लगाना पडे, इसका ध्यान जिला परिषद के सभी अधिकारी व कर्मचारियों को रखना ही चाहिए. उल्लेखनीय है कि संजीता मोहपात्रा की प्रशासनिक सेवा में यह केवल दूसरी पोस्टिंग है.
* मार्च एंडिंग का कार्यभार
एक प्रश्न के उत्तर में मोहपात्रा ने कहा कि उन्हें दी गई जिम्मेदारी का निर्वहन का प्रयत्न होगा. वित्त वर्ष समाप्ति की ओर है. ऐसे में फंड के समुचित उपयोग पर उनका बल रहेगा. जो कार्य शुरु है, उन्हें पूर्ण करने पर भी ध्यान दिया जाएगा. भुवनेश्वर सीईटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की स्नातक मोहपात्रा ने कहा कि पूर्ववती अधिकारियों व्दारा शुरु की गई योजनाओं को भी पूर्ण करना प्रशासन के कर्तव्य में निहित है. प्रत्येक नया अधिकारी यदि नई योजना लागू करने जाएगा तो पुरानी योजनाएं न केवल अधूरी रहेगी, बल्कि उन पर किया गया खर्च और समय जाया होगा. जो ठीक नहीं है.
* नई इमारत से मोटिवेशन
जिला परिषद की पुरानी इमारत का अवलोकन करने के पश्चात उन्होंने कहा कि पुराने भवन का हेरिटेज का महत्व होता है. किंतु यहां मिनी मंत्रालय के नए भवन का प्रस्ताव तैयार होने की जानकारी उन्हें मिली है. बदलते समय के साथ अधिक लोगों के बैठने आदि के लिए स्पेसियस भवन आवश्यक है. फाइलों के ढेर लगे कमरों की जगह नई इमारत, नए विस्तृत दालन से भी काम करने का एक मोटिवेशन मिलता है. यह उनका स्पष्ट मानना है.
* कुपोषण खत्म करने लगता समय
अमरावती से पहले पालघर जिले में विशेष प्रकल्प अधिकारी और उपजिलाधीश के रुप में कार्य कर चुकी संजीता मोहपात्रा ने कहा कि मेलघाट के कुपोषण के बारे में सुना है. इसके कारणों की भी उन्होंने मीमांसा की है. जिसके अनुसार बाल विवाह अधिक होते हैं. निरक्षरता भी एक बडी वजह कही जा सकती है. अत: कुपोषण जड से खत्म करने में समय लगता है. 2-4 वर्षो में इसे जड से उखाड देना संभव नहीं. एक साइकल पूरी होने के बाद कुपोषण पर सही में नियंत्रण पाया जा सकता है. आनेवाली पीढी को साक्षर करना, उनका जीवनमान उंचा बढाना आदि अनेक उपाय हो सकते हैं. नई सीईओ ने कहा कि शासन की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर बेशक उनका बल रहेगा. साथ ही जो उपक्रम फिलहाल चल रहे हैं उनका भी क्रियान्वयन पर वे ध्यान देंगी.
* यजमान हैं बैंक अधिकारी
मूल रुप से राउरकेला की निवासी संजीता मोहपात्रा ने भुवनेश्वर सीईटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की उपधि प्राप्त की. उपरांत आयएएस की तैयारी की. 2020 में भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी बनी मोहपात्रा के यजमान विश्वरंजन मुंडारी बैंक ऑफ इंडिया में मुंबई में अधिकारी हैं. इस बातचीत दौरान वे भी उपस्थित थे. उसी प्रकार सांसद नवनीत राणा एवं पालकमंत्री चंद्रकांत दादा पाटिल की ओर से नई सीईओ का कार्यकर्ताओं ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया.

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