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प्रहार के टिकट पर नहीं लडूंगा चुनाव- दिनेश बूब

आखरी समय तक ठाकरे गुट को सीट मिलने हेतु प्रयास करने की बात कही

* अन्यथा मविआ प्रत्याशी वानखडे की जीत के लिए दिखाएंगे ‘दम-खम’
अमरावती /दि.23- महाविकास आघाडी के तहत अमरावती संसदीय सीट शिवसेना उबाठा के हिस्से में ही छूटनी चाहिए. इस बात के लिए हम नामांकन प्रक्रिया के आखिरी दिन तक अपनी ओर से पूरा प्रयास करेंगे और इस हेतु पार्टी नेतृत्व को मनाने की पूरी कोशिश भी की जाएगी. क्योंकि अमरावती संसदीय सीट हमेशा ही शिवसेना का मजबूत किला रहा है. परंतु यदि किसी कारणवश गठबंधन धर्म के चलते यह कोशिश सफल नहीं हो पाती है, तो उस स्थिति में हम महाविकास आघाडी प्रत्याशी की जीत के लिए अपना पूरा ‘दम-खम’ लगाएंगे. इस आशय का प्रतिपादन शिवसेना उबाठा के जिला प्रमुख दिनेश बूब द्वारा किया गया. साथ ही दिनेश बूब ने यह भी स्पष्ट किया कि, यदि किसी कारणवश उन्हें शिवसेना प्रत्याशी के तौर पर अमरावती संसदीय सीट के चुनाव लडने का मौका नहीं मिलता है, तो वे पार्टी से बिल्कुल भी बगावत नहीं करेंगे.
शिवसेना से चुनाव लडने का मौका नहीं मिलने की सूरत में विधायक बच्चू कडू के नेतृत्ववाली प्रहार जनशक्ति पार्टी से उम्मीदवार बनने की संभावना को लेकर दैनिक अमरावती मंडल द्वारा पूछे गये सवाल को पूरी तरह से खारिज करते हुए दिनेश बूब ने कहा कि, उनके विधायक बच्चू कडू के साथ 35 साल पुराने संबंध है और दोनों ने किसी जमाने में दिवंगत संजय बंड के नेतृत्व तले राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा था. साथ ही विधायक बच्चू कडू के ज्यादातर वरिष्ठ पदाधिकारी व कार्यकर्ता किसी जमाने में शिवसैनिक ही थे. जिनसे आज भी उनके अच्छे संबंध है. ऐसे में एक-दूसरे के आडे समय एक-दूसरे को साथ व नैतिक समर्थन देना तो बनता है. लेकिन इसका यह मतलब यह नहीं कि, अपनी पार्टी से बगावत करते हुए विधायक बच्चू कडू की पार्टी का दामन थाम लिया जाए. क्योंकि दोस्ती अपनी जगह है और राजनीति अपनी जगह. दिनेश बूब ने यह भी कहा कि, जब शिवसेना में दोफाड हुई थी, वे तब भी पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के प्रति निष्ठावान थे और आगे भी ठाकरे परिवार के प्रति निष्ठावान रहेंगे. ऐसे में पार्टी से बगावत करने का सवाल ही नहीं उठता.
इसके साथ ही दिनेश बूब ने जोर देकर कहा कि, विगत लंबे समय से पार्टी नेतृत्व को इस बात के लिए मनाया जा रहा है कि, अमरावती संसदीय क्षेत्र को मविआ के तहत शिवसेना उबाठा द्वारा अपने हिस्से में रखा जाये. यद्यपि इस समय कांग्रेस ने इस सीट को अपने हिस्से में बताकर यहां से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. परंतु हम अपनी ओर से नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन तक अपना प्रयास जारी रखेंगे और यदि इसमें कोई कारणवश सफलता नहीं मिलती है, तो फिर गठबंधन धर्म का पालन करते हुए मविआ प्रत्याशी के तौर पर बलवंत वानखडे की जीत के लिए पूरी ताकत लगाएंगे.

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