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18 को लूंगा मंत्री पद छोडने के बारे में फैसला

पत्रवार्ता में बोले विधायक बच्चू कडू

* सीएम शिंदे के निवेदन पर फैसला टालने की बात कही
अमरावती/दि.13 – खुद को मंत्री पद नहीं मिलने के चलते निर्दलिय विधायक बच्चू कडू के नाराज रहने की चर्चा विगत कई दिनों से चल रही थी और बच्चू कडू ने भी इस संदर्भ में कई बार सांकेतिक बयान जारी करते हुए ऐसी चर्चाओं को हवा दी थी. जिसके तहत आज सुबह एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए विधायक बच्चू कडू ने यह कहकर सनसनी मचा दी थी कि, वे मंत्री पद को लेकर अपना दावा छोडने वाले है और अपना फैसला आज ही सुबह 11 बजे घोषित करने वाले है. जिसके बाद विधायक बच्चू कडू ने एक पत्रकार परिषद बुलाते हुए अपनी भूमिका रखी. जिसमें उन्होंने बताया कि, बीते आधे घंटें के दौरान उन्हें राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का कई बार मोबाइल पर फोन कॉल आया और सीएम शिंदे ने उन्हें 17 जुलाई को मिलने का वक्त दिया है. ऐसे मेें अब वे 18 जुलाई को मंत्री पद पर अपना दावा रखने, या छोडने के बारे में कोई फैसला लेंगे.
इस पत्रवार्ता में विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, कुल मिलाकर सत्ता, पैसा और फिर सत्ता इस बदलती राजनीति से वे तंग आ चुके है. क्योंकि उनकी नजर में सबकुछ केवल पद के लिए नहीं होता. कई लोग कहते है कि, सरकार में तुम्हे अब कोई पद नहीं मिलेगा, लेकिन इससे अब उन्हें कोई फर्क भी नहीं पडता है और वे पद मिलने की परवाह भी नहीं करते है. बल्कि यहां से आगे वे पहले की तरह दिव्यांगों एवं शहीद परिवारों के लिए काम करने वाले है इस पत्रवार्ता में बच्चू कडू ने वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव पश्चात उद्धव ठाकरे के नेतृत्व ेमें सरकार स्थापित करने से संबंधित घटनाओं का भी जिक्र किया और बताया कि, उस समय खुद उद्धव ठाकरे ने उन्हें फोन करते हुए प्रहार जनशक्ति पार्टी के दोनों विधायकों का समर्थन मांगा था. जिसके चलते हमने उद्धव ठाकरे को समर्थन देने की घोषणा की. इसके बाद अन्य कई दलों से हमे समर्थन के लिए संपर्क किया गया और कई प्रलोभन भी दिए गए, लेकिन हम अपने फैसले के अडिग रहे. साथ ही उद्धव ठाकरे भी अपने शब्द पर कायम रहे. जिसके चलते उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया. लेकिन इसके बाद राज्य में नये सत्ता समीकरण जुडने लगे. उस समय वे उद्धव ठाकरे से लगातार दिव्यांग मंत्रालय बनाने की मांग को लेकर मुलाकात कर रहे थे. यदि उस वक्त दिव्यांग मंत्रालय बना दिया जाता, तो हमे गुवाहाटी जाने की जरुरत ही नहीं पडती. इसके साथ एकनाथ शिंदे ने दिव्यांग मंत्रालय तैयार किया. यह मेरे जीवन की सबसे बडी घटना है. मेरे गुवाहाटी जाने की वजह से देश में पहली बार दिव्यांग मंत्रालय अस्तित्व में आया. जिसके लिए वे व्यक्तिगत तौर पर जिंदगी भी सीएम एकनाथ शिंदे के प्रति आभारी रहेंगे.

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