इस्तीफा देनेवाले आईएएस वैभव वाघमारे ने अपने कदम खींचे वापिस
त्यागपत्र वापिस लेने हेतु जिलाधीश को सौंपा पत्र
* सालभर की छुट्टी भी मांगी, पत्र पहुंचा संभागीय आयुक्त के पास
* अब फैसला सरकार के हाथ में, जल्द होगा निर्णय
अमरावती/दि.13– विगत शुक्रवार को धारणी में आदिवासी प्रकल्प अधिकारी व अपर जिलाधिकारी के रूप में पदस्थ आईएएस अधिकारी वैभव वाघमारे ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद प्रशासनिक क्षेत्र में अच्छा-खासा हडकंप मच गया था. इसके उपरांत जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों सहित वझ्झर आश्रम के संचालक शंकरबाबा पापलकर ने वैभव वाघमारे को अपना इस्तीफा पीछे लेने हेतु समझाने व मनाने का प्रयास शुरू किया. जिसके बाद उनकी बातों को मानते हुए वैभव वाघमारे ने अपना मन बदला और अपने कदम वापिस लेते हुए अपने द्वारा दिये गये त्यागपत्र को पीछे लेने का निर्णय लिया. जिसे लेकर उन्होंने जिलाधीश पवनीत कौर को लिखीत पत्र देकर सूचित किया और जिलाधीश ने इस संदर्भ में विभागीय राजस्व आयुक्त पीयूष सिंह को लिखीत तौर पर जानकारी दी. जिनके जरिये पूरे मामले को केंद्र सरकार, केंद्रीय लोकसेवा आयोग व आईएएस कमेटी को अवगत कराया गया. ऐसे में अब वरिष्ठ स्तर पर इस मामले को लेकर निर्णय लिया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि, आईएएस अधिकारी वैभव वाघमारे इस्तीफा देने के साथ ही सोमवार से 15 दिनों के संचित अवकाश पर चले गये थे और उनके अवकाश की अवधि आगामी 25 अप्रैल को खत्म होगी. जिसके बाद 26 अप्रैल 2022 से 26 अप्रैल 2023 तक एक वर्ष के लिए असाधारण अवकाश पर रहने का आवेदन भी वैभव वाघमारे द्वारा जिला प्रशासन सहित अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दिया गया है. इस असाधारण अवकाश के दौरान उन्हें वेतन सहित अन्य आर्थिक लाभ प्राप्त नहीं होंगे, ऐसी जानकारी है. किंतु अपने जन्मदिवस वाले दिन पद व नौकरी से इस्तीफा देने के साथ ही इसे लेकर वैभव वाघमारे द्वारा फेसबुक पर पोस्ट शेयर किये जाने के चलते जो हंगामा मचा था, वह उनके द्वारा इस्तीफा पीछे लिये जाने का फैसला लेने की वजह से अब काफी हद तक शांत हो गया है.
* यह होती है इस्तीफा देने या वापिस लेने की प्रक्रिया
जानकारी के मुताबिक किसी भी आईएएस अधिकारी द्वारा पद या नौकरी को छोडने हेतु सबसे पहले उस वरिष्ठ अधिकारी को लिखीत तौर पर पत्र देना होता है, जिसके अधिनस्थ वह काम कर रहा है. इसके तहत अतिरिक्त जिलाधीश के रूप में कार्यरत वैभव वाघमारे ने अपना इस्तीफा अमरावती के जिलाधीश पवनीत कौर को सौंपा. जिन्होंने वैभव वाघमारे के त्यागपत्र को संभागीय आयुक्त पीयूष सिंह के पास ‘प्रोसीड’ कर दिया और संभागीय आयुक्त द्वारा अपने अभिप्राय के साथ वाघमारे के इस्तीफे को अगली कार्रवाई हेतु केंद्र सरकार व केंद्रीय लोकसेवा आयोग के पास भेज दिया गया. इसके उपरांत किसी आईएएस अधिकारी का इस्तीफा मंजूर होने के लिए एक सप्ताह से एक साल तक का समय लग सकता है और किसी भी आईएएस अधिकारी का इस्तीफा मंजूर करने से पहले कई बातों को देखा जाता है. साथ ही इस संदर्भ में विशेषज्ञों की समिती द्वारा कई बातों की पडताल करते हुए अपनी रिपोर्ट दी जाती है. हालांकि इस दौरान कई मामलों में सरकार एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा द्वारा संबंधित आईएएस अधिकारी पर इस्तीफा वापिस लेने और प्रशासनिक सेवा को नहीं छोडने के लिए कुछ हद तक दबाव भी बनाया जाता है, ताकि प्रशासनिक क्षेत्र को ‘ब्रेन ड्रॉप’ का सामना न करना पडे. इस दौरान अगर संबंधित अधिकारी इस्तीफा वापिस लेने के लिए मान जाता है, तो बात आई-गई हो जाती है, अन्यथा संबंधित अधिकारी के इस्तीफे को मंजूर कर लिया जाता है. जिस तरह से इस्तीफा देने की प्रक्रिया आगे बढती है, ठीक उसी तरह से इस्तीफा वापिस लेने की प्रक्रिया भी पूर्ण की जाती है. इसके तहत संबंधित अधिकारी द्वारा अपने वरिष्ठाधिकारी को इस्तीफा वापिस लेने के बारे में लिखीत तौर पर सूचित किया जाता है और फिर वरिष्ठाधिकारी द्वारा अपने वरिष्ठाधिकारी को सूचित करते हुए त्यागपत्र वापिस लेने की सूचना केंद्रीय लोकसेवा आयोग तक पहुंचायी जाती है. जिसके उपरांत संबंधित आईएएस अधिकारी की बहाली को कायम रखा जाता है.
*इन मामलों में नहीं हो सकती इस्तीफे की वापसी
उल्लेखनीय है कि, आईएएस या आईपीएस अधिकारियों की सेवाएं ऑल इंडिया सर्विस अमेंडमेंट रूल्स् 2011 इस रूल बुक के तहत आती है. जिसमें नौकरी से संबंधित तमाम नियमोें व शर्तों का उल्लेख है. इसके मुताबिक यदि कोई अधिकारी अपने पद व नौकरी से इस्तीफा देने के बाद इसे वापिस लेना चाहता है, तो सबसे पहले उसकी सत्यनिष्ठा, क्षमता व व्यवहार को दोबारा नये सिरे से जांचा-परखा जाता है. साथ ही यह भी देखा जाता है कि, संबंधित अधिकारी ने किन वजहों व स्थितियों के चलते इस्तीफा दिया था. यदि किसी अधिकारी ने किसी निजी कंपनी या कॉर्पोरेशन अथवा सरकार के नियंत्रणवाली किसी कंपनी में नौकरी करने हेतु या फिर किसी राजनीतिक दल या आंदोलन से जुडने हेतु अपने पद व नौकरी से इस्तीफा दिया है, तो ऐसे इस्तीफे की वापसी संबंधित आवेदन को सरकार द्वारा मंजुर नहीं किया जाता, यानी तब हर हाल में संबंधित अधिकारी का इस्तीफा मंजूर हो जाता है. इसके अलावा अन्य किसी वजह के चलते दिये गये इस्तीफे को वापिस लेने हेतु किये गये आवेदन पर सरकार व आईएएस कमेटी द्वारा कुछ हद तक सहानुभूतिपूर्वक ढंग से विचार किया जाता है.