गाडगेबाबा के जन्मगांव की शेंडगांव नाम से पहचान दें
शासन दरबार में खासपुर, मलकापुर, सैयदगांव का नाम
अंजनगांव सुर्जी/दि.9-शिक्षा, साफ सफाई व परोपकारी जीवन का मंत्र देदने वाले वैराग्यमूर्ति संत गाडगेबाबा के जन्म स्थान की सर्वत्र शेंडगांव नाम से पहचान है. लेकिन शासन दरबार में खासपुर, मलकापुर (खु.) व सैयद गांव के नाम से जाना जाता है. परिणामस्वरुप अनेकों में दिक्कतों सहित उनके दिल में संभ्रम निर्माण हो रहा है. इस कारण उसके जन्म गांव की शेंडगांव के रुप में पहचान दी जाये, ऐसी मांग शेंडगांव के गांववासियों ने शासन से की है.
संत परंपरा के विज्ञानवादी संत के रुप में वैराग्यमूर्ति संत गाडगेबाबा की विश्वभर में पहचान है. उनके नाम से देश मेंही तो विदेश में भी सफाई अभियान चलाया जाता है. ऐसे महान संत के जन्मगांव शेंडगांव को सभी तरफ पहचान है. फिर भी शासन दरबार में मात्र उनके जन्मगांव की पहचान खासपुर, मलकापुर (खु.) व सैयदपुर इन तीन गांव को मिलाकर की गई है. इस कारण विकासात्मक काम करने में दिक्कतें तो निर्माण होती ही है. बावजूद इसके गाडगेबाबा को मानने वाले देश व अन्य देशों के लोक उनके संबंध में जानकारी लेते हैं, तब वे संभ्रमित होते हैं. इसलए ये सभी दिक्कतें दूर हो व उनके जन्मगांव की पहचान एक ही व सर्वत्र परिचित हुए शेंडगांव नाम से शासन दरबार में हो, इसके लिए गांव के नागरिकों की ओर से पूर्व सरपंच गोपाल गावणेर, सुनील काले, पंकज साबले, बबलू चौथमल, अजय येवले, रोशन काले, रोशन वैराले, प्रणय गावनेर, तन्मय गेडाम आदि ने ग्रामपंचायत को निवेदन सौंपा. पश्चात उपविभागीय अधिकारी मार्फत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी निवेदन देकर मांग की.
गाड़गेबाबा की जन्मभूमि तीन गांवों व तीन नामों में विभाजित है. इस कारण पहले नाम से गाडगेबाबा की पावन जन्मभूमि का नाम शेंडगांव के रुप में शासन दरबार में पंजीकृत किया जाये. अन्यथा गांववासियों के सहकार्य से 20 दिसंबर गाडगेबाबा पुण्यतिथि के दिन अनशन करेेंगे.
– गोपाल गावणेर, पूर्व सरपंच शेंडगांव