2 बच्चियां रहने पर परिवार नियोजन करवाने वालों को मिलते है 50 हजार
2 वर्ष के भीतर करवानी होती है परिवार नियोजन की शल्यक्रिया
* ‘माझी कन्या भाग्यश्री’ योजना के तहत दिया जाता है लाभ
* कन्या जन्मदर सुधारने हेतु किया जा रहा प्रयास
अमरावती/दि.3 – महाराष्ट्र सरकार ने 1 अप्रैल 2016 से लडकियों का जन्मदर सुधारने एवं स्त्री शिक्षा को गतिमान करने हेतु ‘माझी कन्या भाग्यश्री’ योजना शुरु की है. जिसके तहत एक बेटी के बाद परिवार नियोजन की शल्यक्रिया करवाने पर 50 हजार रुपए और 2 बेटी रहने के बाद दो वर्ष के भीतर परिवार नियोजन की शल्यक्रिया करवाने पर 25-25 हजार रुपए की राशि सरकार द्बारा दी जाती है. यह रकम सरकार द्बारा बच्चियों के खाते में जमा कराई जाती है. ताकि इस रकम के जरिए आगे चलकर उनकी पढाई-लिखाई में सहायता हो सके. इसके साथ ही अधिक से अधिक परिवारों को इस योजना का लाभ मिले, इस हेतु सरकार ने लाभार्थी परिवार के वार्षिक आय की अधिकतम मर्यादा को बढाकर 7.50 लाख रुपए कर दिया है.
* एक बेटी के बाद 50 हजार, दो बेटियों के बाद 25-25 हजार
‘माझी कन्या भाग्यश्री’ योजना के तहत एक बेटी के जन्म पश्चात यदि एक वर्ष के भीतर बच्ची के माता या पिता में से किसी एक ने नसबंदी करवाई, तो सरकार द्बारा बच्ची के नाम पर बैंक मेें 50 हजार रुपए जमा कराए जाते है. वहीं दो बेटियों के पैदाइश के बाद अगले 2 वर्ष के भीतर परिवार नियोजन की शल्यक्रिया करवाने पर दोनों बेटियों के नाम पर 25-25 हजार रुपए बैंक खाते में जमा कराए जाते है.
* योजना के लाभ
इस योजनांतर्गत सरकार द्बारा दी जाने वाली रकम को बच्चियों की पढाई-लिखाई के काम में खर्च किया जा सकता है. साथ ही बच्चियों के बेहतर भविष्य के लिए भी इस रकम को काम में लाया जा सकता है.
* के भीतर शल्यक्रिया करना आवश्यक
इस योजना के अंतर्गत महाराष्ट्र में एक या दो बच्चियां पैदा होने के बाद यदि दो अभिभावकों में से किसी एक के द्बारा नसबंदी की जाती है, तो संबंधित परिवार को इस योजना का लाभ दिया जाता है. हालांकि इसके लिए यह बेहद जरुरी है कि, बच्ची का जन्म होने के उपरान्त अगले 2 वर्ष के भीतर उसके दो अभिभावकों मेें से किसी एक को नसबंदी करवानी होती है.
* बैंकों द्बारा एफडी करने में लापरवाही
इस योजना के लिए अमरावती जिले में कुछ चुनिंदा बैंकों की नियुक्ति की गई है. विभाग द्बारा लाभार्थियों की निधि बैंकों के पास जमा कराई जा चुकी है. लेकिन 6 से 7 माह का समय बीत जाने के बावजूद बैंकों ने लाभार्थियों को एफडी तैयार नहीं किए है. जिसके चलते संबंधित लाभार्थी अब भी एफडी की प्रतीक्षा में है.
* जिले में 200 से अधिक आवेदन प्रलंबित
अमरावती जिले में वर्ष 2017 से 2022 तक इस योजना के करीब 1 हजार 200 लाभार्थी रहे, जिसमें से 200 से अधिक लाभार्थियों के आवेदन अब भी प्रलंबित है. जिला परिषद के महिला व बालविकास विभाग द्बारा प्राप्त आवेदनों की समय पर जांच पडताल नहीं किए जाने के चलते लाभार्थियों को बार-बार चक्कर कांटने पडते है और उन्हें आवश्यक जानकारी भी नहीं मिलती. जिसकी वजह से कई लोग योजना हेतु पात्र रहने के बावजूद भी इसमें आवेदन नहीं करते.