ढाबे पर शराब मिली, तो ढाबा संचालक को 50 हजार का दंड
शराब पीने वाले पर भी लगाया जाएगा 5 हजार का जुर्माना
अमरावती/दि.13– शहर में अंडे व चायनिज की गाडियों तथा शहर के आसपास स्थित ढाबों पर खुलेआम लोगों द्बारा शराब पी जाती है और शहर में कही पर भी खुलेआम शराब उपलब्ध भी हो जाती है. ऐसे में यह सवाल उपस्थित होता है कि, शराब विक्री के लिए राज्य उत्पाद शुल्क विभाग का कोई लाइसेंस अथवा परमिट लगता भी है, या नहीं. ऐसे मेें राज्य आबकारी विभाग ने अब इस तरह की शराब विक्री को रोकने हेतु निर्णय लिया है कि, यदि किसी भी ढाबे पर कोई भी व्यक्ति शराब का सेवन करता है, तो संंबंधित व्यक्ति द्बारा 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. साथ ही संबंधित ढाबा संचालक पर भी 50 हजार रुपए का दंड लगाया जाएगा. हालांकि इस तरह की कार्रवाई कब से शुरु होगी. इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है. क्योंकि इस तरह की घोषणाएं इससे पहले भी कई बार की जा चुकी है.
* नकली शराब की भी धडल्ले से विक्री
उल्लेखनीय है कि, करीब एक माह पहले मोर्शी तहसील में जहरीली शराब पीने की वजह से दो लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद नींद से हडबडाकर जागे राज्य उत्पात शुल्क विभाग ने धडधड छापामार कार्रवाई करनी शुरु की थी. जो कुछ समय बाद ठंडे बस्ते में चली गई और आज भी जिले के मोर्शी व वरुड तहसीलों में मध्यप्रदेश राज्य के सीमावर्ती इलाकों से अवैध गावरानी शराब की धडल्ले के साथ आपूर्ति हो रही है.
* 8 माह में 66 लोगों पर कार्रवाई
आबकारी विभाग के उडनदस्तों द्बारा मारे गए छापे में ढाबे पर शराब पीते पाए गए 66 लोगों को गिरफ्तार किया गया. जिनके खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज किए गए और उनसे दंड भी वसूल किया गया. साथ ही आगे भी इस तरह की कार्रवाई शुरु रहने की जानकारी अधिकारियों द्बारा दी गई है.
* 66 ढाबा संचालकों पर कार्रवाई
उत्पाद शुल्क विभाग द्बारा 66 ढाबों पर कार्रवाई करने के साथ ही हाथभट्टी, गैरकानूनी विक्री व शराब तस्करी का व्यवसाय करने वाले 574 लोगों के खिलाफ भी अपराधिक मामले दर्ज किए गए है.
* 2 करोड का माल जब्त
राज्य उत्पाद शुल्क विभाग ने व्यापक स्तर पर अभियान चलाते हुए 49 छापे मारे. जिसके तहत विविध अपराधों में 66 आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ ही उनके पास से 2 करोड 21 लाख 23 हजार 574 रुपयों का माल बरामद किया गया.
* भले ही किसी व्यक्ति ने किसी अधिकृत दुकान से शराब की खरीदी की हो, लेकिन उस शराब का किसी ढाबे पर बैठकर सेवन करना कानूनन अपराध है. साथ ही बाहर से शराब खरीदकर लाने वाले लोगों में शराब पीने हेतु अपने ढाबे में जगह उपलब्ध कराने वाले ढाबा संचालकों के खिलाफ भी अपराध दर्ज होता है. साथ ही किसी ढाबा संचालक ने बिना लाईसेंस शराब की विक्री भी नहीं करनी चाहिए.
– ज्ञानेश्वरी आहेर,
अधीक्षक, राज्य उत्पाद शुल्क विभाग.